जुबिली न्यूज़ डेस्क
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी सत्ता नए-नए बहानों से जनता का ध्यान भटकाने की साजिश करते रहते है। द्वेष की राजनीति के चलते झूठे आरोप लगा रही है। डी.एच.एफ.एल. से 20 करोड़ रूपए का चंदा लेने वाली भाजपा के ऊर्जामंत्री बताएं ये रिश्ता क्या कहलाता है?
भाजपा सरकार अपने बेदाग होने का ढिंढोरा खूब पीटती रही है। लेकिन धीरे-धीरे उसके घोटालों की परतें खुलती जा रही है। भाजपा सरकार को यह बताना होगा कि बिजली कर्मियों के हक का पैसा उस कम्पनी में लगाने की मेहरबानी के पीछे क्या रहस्य है जो डिफाल्टर कम्पनी रही है?
सवाल यह भी है कि इतना बड़ा घोटाला ढाई साल तक पर्दे में क्यों रहने दिया गया? मामला मीडिया में न आता तो भाजपा सरकार इसे दबाए रहती। अभी भी लगता नहीं कि वह अपने घोटाले की जांच होने देगी? जब मामला सीबीआई को देने की बात है तो फिर आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा को जांच क्यों दी जा रही है?
बिजली कर्मियों के 2600 करोड़ रूपए जो डी.एच.एफ.एल. में फंसे है, उसकी वसूली के लिए सरकार क्या ठोस कदम उठा रही है, यह नहीं बताया जा रहा है। सिर्फ आश्वासन के सहारे बहकाने का काम हो रहा है। वैसे भी भाजपा की यह फितरत है कि वह जब जब सत्ता में रही बिजली विभाग में लूट मची।
यूपी के टांडा और ऊंचाहार बिजली घर भाजपा सरकार में ही बिके। भाजपा सरकार ने कोई नया बिजली घर नहीं लगाया और नहीं एक यूनिट बिजली का उत्पादन किया। अब बिजली कर्मियों का पैसा भी डुबा दिया।
भ्रष्टाचार को बढ़ावा देकर घी पीने वाली भाजपा का असली चाल चरित्र जनता के सामने आ रहा है। लोकतंत्र लोकलाज से चलता है लेकिन भाजपा सरकार इससे दूर-दूर रहती है। भाजपा बौखलाहट में जैसी भाषा बोल रही है वह हास्यास्पद और संवैधानिक मर्यादा के विपरीत है। समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में विकासकार्यों की एक-एक ईंट उखाड़ कर गड़बड़ी खोजने वाले भाजपाई शूरवीर ढाई साल तक तो कुछ खोज नहीं पाए अब अपनी कालिख वाली छवि बचाने के लिए दूसरों पर कीचड़ उछालने की नाकाम कोशिश करने में लग गए हैं। अनंतकाल तक जनता को धोखा नहीं दिया जा सकता।
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