जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. अमेठी के मोहनगंज थाने की महिला चौकी प्रभारी रश्मि यादव की संदिग्ध मौत पर छाया संदेह का कोहरा अभी छंटा नहीं है. महिला दरोगा अपने आवास पर फांसी से लटकी हुई पाई गई थीं. रश्मि यादव लखनऊ के गोसाईगंज की रहने वाली थीं और दो साल से अमेठी में तैनात थीं. रश्मि यादव की संदिग्ध मौत के दूसरे दिन रविवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव गोसाईगंज स्थित रश्मि यादव के घर पर उनके परिवार के लोगों से मुलाक़ात करने गए. अखिलेश यादव ने कहा कि कड़ी मेहनत के बाद सब इंस्पेक्टर की परीक्षा पास करने वाली रश्मि यादव की आत्महत्या बहुत दुखद मामला है. उन्होंने कहा कि जानकारी मिली है कि राजनीतिक दबाव की वजह से यह होनहार सब इंस्पेक्टर काफी परेशान थी.
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि एक विशेष जाति की होने की वजह से उस पर काफी दबाव था. उन्होंने कहा कि अमेठी के मोहनगंज थाने में ही जितने पुलिसकर्मी तैनात हैं वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जाति के हैं. अखिलेश ने आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ की जाति के लोग अन्य जातियों के साथ नाइंसाफी कर रहे हैं.
रश्मि यादव के पिता मुन्ना लाल यादव ने कहा कि उनकी बेटी बहुत बहादुर थी. वह आत्महत्या के बारे में सोच भी नहीं सकती. उन्होंने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए क्योंकि उन्हें शक है कि रश्मि यादव की हत्या कर शव को लटका दिया गया है. रश्मि 2017 बैच की सब इंस्पेक्टर थीं. ट्रेनिंग के बाद वह 2018 में अमेठी में तैनात की गई थीं. 2021 में ट्रांसफर होकर वह मोहनगंज आई थीं.
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