जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सियासत मुलायम सिंह यादव अपनी खास पहचाना रखते हैं। भले ही वो अब इस दुनिया में नहीं हो लेकिन उनकी विरासत को अखिलेश यादव चला रहे हैं।
हालांकि मुलायम के निधन के बाद जो कुनबा बिखरा हुआ लग रहा था वो अब एक हो गया है। चाचा और भतीजे दोनों अब हो चुके हैं और जो सपा पिछले कुछ सालों से कमजोर लग रही थी वो एकदम से मजबूत नजर आ रही है। इसका सबूत है मैनपुरी चुनाव में सपा की बड़ी जीत।
इस जीत में शिवपाल यादव का खास योगदान रहा है। अखिलेश यादव ने अपने नाराज चल रहे चाचा को मनाने में देर नहीं की और दोनों अब एक साथ आ गए है।
इतना ही नहीं शिवपाल यादव की पार्टी प्रसपा का सपा में विलय हो गया है। इसके बाद से कयास लगाये जा रहे हैं कि शिवपाल यादव को कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
इसको लेकर अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच लंबी चर्चा होने की बात सामने आ रही है। शिवपाल यादव ने साफ कर दिया है वो अब हर हाल में सपा के साथ रहेंगे और अपने भतीजे को मजबूत करेंगे। उनकी इस फैसले के बाद अखिलेश यादव काफी खुश है और जल्द ही चाचा को इसका तोहफ देने की तैयारी में है। सपा से मिली जानकारी के अनुसार चाचा शिवपाल को पार्टी कर राष्ट्रीय स्तर की अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है।
वहीं उनके बेटे आदित्य यादव सहित उनकी पार्टी के अन्य नेताओं को सपा में अहम रोल मिल सकता है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव सोमवार को अचानक चाचा शिवपाल यादव से मिलने उनके लखनऊ आवास पहुंचे।
दोनों के बीच लंबी बातचीत हुई है और यूपी की सियासत को लेकर सपा को कैसे आगे विस्तार दिया जाये इसको लेकर भी लेबी चर्चा हुई है।
हाल में अखिलेश ने कहा था कि शुभ दिन आने के बाद संगठन का विस्तार करेंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि चाचा से मिलकर वो अब अपनी पार्टी को विस्तार देने की तैयारी कर रहे हैं लेकिन सवाल है कि चाचा शिवपाल यादव को क्या रोल दिया जाता है ये तो आने वाला वक्त बतायेंगा।