जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव अगले लोकसभा चुनाव को लेकर ज्यादा गम्भीर नजर आ रहे हैं। इस वजह से वो योगी सरकार और मोदी सरकार दोनों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। इतना ही नहीं बीजेपी को घेरने में अखिलेश यादव अपने हाथ से कोई मौका नहीं जाने देना चाहते हैं। सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।
महंगाई और बेरोजगारी को लेकर सरकार को घेर रहे हैं। इस बीच अब अखिलेश यादव को मायावती का साथ मिला है। मायावती का अखिलेश के समर्थन में ट्वीट किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में बिना अखिलेश या सपा का नाम लिए धरना प्रदर्शन का समर्थन किया।
मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा कि विपक्षी पार्टियों को सरकार की जनविरोधी नीतियों व उसकी निरंकुशता और जुल्म-ज्यादती आदि को लेकर धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देना भाजपा सरकार की नई तानाशाही प्रवृति हो गई है।
2. यूपी सरकार अगर प्रदेश के समुचित विकास व जनहित के प्रति चिन्तित व गंभीर होती तो उनका यह विपक्ष-विरोधी बयान नहीं आता, बल्कि वे बताते कि जबर्दस्त महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, गड्डायुक्त सड़क, बदतर शिक्षा, स्वास्थ्य व कानून व्यवस्था में नजर आने वाला सुधार किया है व पलायन भी रोका है।
— Mayawati (@Mayawati) September 19, 2022
साथ ही, बात-बात पर मुकदमे व लोगों की गिरफ्तारी और विरोध को कुचलने की बनी सरकारी धारणा अति-घातक है। मायावती का दूसरा ट्वीट इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के पक्ष में था। इसमें उन्होंने लिखा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा फीस में एकमुश्त भारी वृद्धि करने के विरोध में छात्रों के आन्दोलन को जिस प्रकार कुचलने का प्रयास जारी है वह अनुचित व निंदनीय। यूपी सरकार अपनी निरंकुशता को त्याग कर छात्रों की वाजिब मांगों पर सहानुभतिपूर्वक विचार करे, बीएसपी की मांग है। तीसरे ट्वीट में बसपा सुप्रीमो ने भाजपा सरकार पर हमला किया।
3. महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, बदहाल सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य व कानून व्यवस्था आदि के प्रति यूपी सरकार की लापरवाही के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन नहीं करने देने व उनपर दमन चक्र के पहले भाजपा जरूर सोचे कि विधानभवन के सामने बात-बात पर सड़क जाम करके आमजनजीवन ठप करने का उनका क्रूर इतिहास है।
— Mayawati (@Mayawati) September 20, 2022
इसके साथ ही अखिलेश और समाजवादी पार्टी के समर्थन की छाप दिखाई दी। मायावती ने लिखा कि महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, बदहाल सडक़, शिक्षा, स्वास्थ्य व कानून व्यवस्था आदि के प्रति यूपी सरकार की लापरवाही के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन नहीं करने देने व उनपर दमन चक्र के पहले भाजपा जरूर सोचे कि विधानभवन के सामने बात-बात पर सडक़ जाम करके आमजनजीवन ठप करने का उनका क्रूर इतिहास है।
ऐसे में कयासों का दौर जारी है। कहा जा रहा है कि आने वाले समय में सपा और बसपा एक साथ आ सकते हैं। हालांकि अभी ये सिर्फ कयास भर है।