जुबिली न्यूज डेस्क
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अब अपने पिता की राह पर चलने की कोशिश में जुट गए है। दरअसल मुलायम सिंह यादव अपने लोगों के बीच सियासत के गुर सिखाते हुए चर्चा, पर्चा व खर्चा पर खास जोर देते रहे हैं। अब अखिलेश भी इसी रास्ते पर चल दिए हैं। एक हफ्ते में उन्होंने राजधानी में दो बड़े आयोजन किए। उसकी चर्चा जरूर होने लगी है।
2024 में होने वाले चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू कर दिया है। सड़क से सदन तक अपने कार्यकर्ताओं व विधायकों में जोश भरने के साथ-साथ अब खुद मैदान में उतर गए हैं। एसी कमरे से निकलने के चौतरफा आरोपों के बीच सोमवार को उन्होंने पदयात्रा, पैदल मार्च, धरना का आयोजन तो एक साथ कर दिया।
उसी तर्ज पर निकले अखिलेश
बता दे कि मुलायम सिंह इस तरह विधानसभा लगाने की सियासत पहले भी कर चुके हैं। वह अचानक कार्यक्रम बदल कर साइकिल चला कर हजरतगंज पहुंच कर चौंका देते थे। कुछ उसी तर्ज पर इस बार अखिलेश ने पहले चार दिन तक लगातार विधायकों के जरिए विधानभवन परिषद में धरना देने का आयोजन रखा। पहले दिन सुबह सपा विधायक अपने घरों में घेरे लिए गए। बाहर नहीं निकल पाए। परिसर में वह आयोजन तो नहीं हो पाया लेकिन उसकी चर्चा सोशल मीडिया पर खासी हो गई।
विधानभवन तक पदयात्रा करने की योजना
इसके बाद अखिलेश ने सपा कार्यालय से विधानभवन तक पदयात्रा करने की योजना बनाई। पुलिस प्रशासन ने उन्हें दूसरे रूट से जाने का कहा। सपाइयों को मौका मिल गया सड़क पर धरना प्रदर्शन करने का। आसानी से विधायक मार्च कर विधानसभा पहुंच जाते तो शायद उन्हें सरकार इस तरह घेरने का मौका नहीं मिलता। एक विधायक के निधन पर सड़क पर सदन की बैठक लगा कर उन्हें श्रद्धांजलि देकर भी अखिलेश ने संदेश देने की कोशिश की।
ये भी पढ़ें-नोएडा सेक्टर 21 में जलवायु विहार की बाउंड्री वॉल गिरी, 2 जिंदगी ख़त्म
अब सपा अक्तूबर से प्रदेश में भर में आंदोलन की तैयारी कर रही है। इससे पहले राज्य सम्मेलन व राष्ट्रीय सम्मेलन कर राज्यकार्यकारिणी व राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन कर संगठन को नये रूप देने काम भी हो जाएगा।
ये भी पढ़ें-VIDEO :अफसरों की आंखों का पानी सूखा, टॉयलेट में खिला रहे खिलाड़ियों को खाना