सैय्यद मोहम्मद अब्बास
लखनऊ। एक वक्त था जब शिवपाल यादव मुलायम के खासमखास हुआ करते थे। माना जाता है कि मुलायम सिंह को बड़ा नेता बनाने में शिवपाल यादव ने दिन-रात एक कर दिया। मुलायम भी इस बात को कई बार कह चुके हैं कि उनके भाई शिवपाल यादव ने बहुत कुछ किया है लेकिन ये सब अब अतीत हो चुका है।
शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के रिश्ते इतने खराब हो चुके हैं कि दोनों अब एक दूसरे का मुंह तक नहीं देखना चाहते हैं। सपा से किनारा करने के बाद शिवपाल यादव ने अखिलेश को कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इतना ही नहीं अपनी नई पार्टी बनाकर अखिलेश की सपा में सेंध भी लगायी। मौजूदा समय में शिवपाल भले ही एक सीट ही जीते लेकिन वोट काटने में सबसे आगे नजर आ रहे हैं। उनके वोट काटने से बीजेपी को फायदा होगा।
मुलायम प्रेम अब भी कायम
शिवपाल भले ही सपा से अलग हो गए हो लेकिन मुलायम के साथ आज भी उनके रिश्ते ठीक है। हालांकि शिवपाल को लेकर मुलायम का जवाब वक्त के हिसाब बदलता रहता है। उनकी नई पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव में ताल ठोंक रही है। शिवपाल भी कई ऐसे प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतार रहे हैं जो अखिलेश और मायावती के लिए खतरा हो सकते हैं। रोचक बात यह है कि शिवपाल यादव खुद भी चुनावी मैदान में उतर रहे हैं।
फिरोजाबाद की जंग हुई रोचक
शिवपाल अपने भतीजे अक्षय यादव के खिलाफ चुनावी मैदान में अपने भाग्य को अजमा रहे हैं। सपा से किनारा कर चुके शिवपाल यादव अब संसद में जाना चाहते हैं। इस वजह से उन्होंने फिरोजाबाद सीट से चुनाव लडऩे का मन बनाया है। उधर शिवपाल यादव को हराने के लिए उनके भतीजे अक्षय यादव ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। आलम तो यह रहा कि अक्षय अपने चाचा का नामांकन रद्द कराने के लिए निर्वाचन आयोग पहुंच गए थे लेकिन बाद में शिवपाल को क्लीन चिट मिल गई।
शिवपाल ने अपने भतीजे के इस कदम पर कोई जवाब नहीं दिया है लेकिन अपनी जीत को मजबूत करने के लिए उन्होंने फिरोजाबाद में अपना डेरा जमा दिया है। वह वहां पर लगातार जनता के बीच जा रहे हैं। उन्होंने अपनी जीत की संभावना को लेकर कहा है कि फिरोजाबाद लोकसभा क्षेत्र में जनसंपर्क के दौरान मिल रहे स्नेह, प्रेम व आशीर्वाद का आजीवन आभारी रहूंगा।
फिरोजाबाद लोकसभा क्षेत्र में जनसंपर्क के दौरान मिल रहे स्नेह, प्रेम व आशीर्वाद का आजीवन आभारी रहूंगा। pic.twitter.com/4NNJ3MkEsu
— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) April 9, 2019
उधर रामगोपाल को अब भी लगता है कि शिवपाल यादव उनकी पार्टी का कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं। अब देखना होगा शिवपाल की यह भीड़ वोट में तबदील होती है या नहीं।