जुबिली स्पेशल डेस्क
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी पर बड़ा हमला बोला है और सरकार के कामकाज पर सवाल उठाया है। उन्होंने बीजेपी सरकार को घेरते हुए कहा कि लगता नहीं है कि यूपी में सरकार नाम की कोई संस्था भी है। सर्वजन विरोधी भाजपा सरकार में न किसान, न दलित, न सवर्ण, न पिछड़े, न अल्पसंख्यक, न नौजवान, न पत्रकार सुरक्षित हैं। सुरक्षित हैं तो सिर्फ सत्ताधीशों का विशेष वर्ग जिसे न कानून की परवाह है और नहीं लोकलाज की। प्रदेश में अत्याचार, भ्रष्टाचार और अनाचार पर कहीं कोई नियंत्रण नहीं।
कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार को घेरा
अखिलेश ने मौजूदा कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार पर सवाल उठाया है। अखिलेश ने इस दौरान कुछ घटनाओं का जिक्र करते हुए योगी सरकार को घेरते हुए कहा कि जौनपुर में पुलिस की मौजूदगी में दलितों पर दबंगों ने गोलियां बरसाईं। लाठी-डंडो से पीटा। अखिलेश ने कासगंज की घटना की जिक्र करते हुए कहा कि कासगंज में दबंगों ने रेप किया और पुलिस ने पीडि़ता के परिवारीजनों का ही उत्पीडऩ किया।
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पत्रकार पर हुए हमले पर अखिलेश ने योगी सरकार पर सवाल उठाया
गाजियाबाद में पत्रकार पर हुये हमले को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर सवाल उठाया है। उन्होंने ट्वीट करते हुये कहा कि आखिर किसके बलबूते पर अपराधियों और बदमाशों के हौसले फलफूल रहे हैं। राज्य में इस घटना को लेकर राजनीति तेज हो गई है। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद में कल रात पत्रकार पर बदमाशों ने हमला किया। दो दिन पहले उन्होंने अपने ऊपर हमले की आशंका जताते हुए पुलिस से शिकायत की थी लेकिन पुलिस निष्क्रिय बनी रही। पत्रकार को गोली मार दी।
निघासन (लखीमपुर खीरी) थाना क्षेत्र में पांच दिन पहले दो सगी नाबालिग बहनों को बाजार छोडऩे के बहाने अगवा कर सामूहिक दरिंदगी का सनसनीखेज मामला सामने आया था। इस मामले को लेकर अखिलेश ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पुलिस ने 18 घंटे बाद रिपोर्ट लिखी उसमें भी जबरन तहरीर बदलवा दी और दबाव बनाने के लिए पीडि़ता के परिवारवालों को ही कोतवाली में बैठाए रखकर परेशान किया गया।
अखिलेश ने कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच लोगों की मदद के बजाय शराब तस्करी में भाजपाई व्यस्त हो गए हैं। कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर के बाद किशनी में अवैध शराब का धंधा करते भाजपा का सेक्टर संयोजक पकड़ा गया। सत्ता के संरक्षण में शराब तस्करी, अवैध खनन और दूसरे अपराध खूब पनप रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि मेरठ जनपद में थाना रोहटा के गांव डंूगर में कल नकली जहरीली शराब पीने से 2 लोगों की मौत हो गई, पांच लोग मेरठ के अस्पताल में भर्ती हैं। मृतकों के नाम हैं तेजवीर पुत्र आशाराम कश्यप तथा सुधीर पुत्र खड़क सिंह गूजर। आबकारी विभाग और पुलिस की लापरवाही तथा शराब के अवैध धंधेबाजो की मिलीभगत से लोगों की जिन्दगी से खिलवाड़ हो रहा है। सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।
कोरोना को लेकर सरकार गम्भीर नहीं : अखिलेश यादव
अखिलेश ने कहा कि प्रदेश में कोरोना महामारी के प्रति भी राज्य की भाजपा सरकार गम्भीर नहीं है। संकट के इन दिनों में भी 20 दिन से ज्यादा हो गए चिकित्सा स्वास्थ्य का महानिदेशक पद खाली है। सरकार एक योग्य महानिदेशक का चयन तक नहीं कर सकी है। जब विभाग में मुखिया ही नही है तो कामकाज कैसे चुस्त-दुरूस्त होगा? स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का तो अब मुख्यमंत्री जी की टीम इलेवन के अफसरों को भी एहसास हो चला है।
एम्बूलेंस सेवा हांफ रही है, अस्पतालों में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टॉफ की कमी है, इन पदों पर भर्ती रूकी हुई है। संवेदना को झकझोर देने वाली एक तस्वीर देवरिया की है जहां एक मासूम बच्चे को स्ट्रेचर ढकेलना पड़ रहा है। इससे पूर्व भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं पर कहीं कोई सुधार के लक्षण नहीं दिख रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि महाभ्रष्ट भाजपा सरकार के कार्यकाल में जनता पर चौतरफा मार पड़ रही है। मंहगाई, बीमारी और सरकारी उदासीनता ने जिन्दगी दूभर कर दी है। मुख्यमंत्री जी को नए-नए आदेश जारी करने के बजाय निष्पक्ष ढंग से हालात का जायजा लेना चाहिए। केवल बयानबाजी से प्रदेश का भला होने वाला नहीं।