जुबिली न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार सिंधुदुर्ग ज़िले के राजकोट क़िले में स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया.शुक्रवार को उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर अपने दौरे की तस्वीरें पोस्ट कीं. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा, “जो कुछ भी हुआ, उससे हर कोई दुखी है. छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे देवता हैं और उनके इतिहास पर हर किसी को गर्व है. इस बारे में मुख्यमंत्री ने मीटिंग की है.”
उन्होंने कहा, “एक स्मारक बनाए जाने की कोशिशें हो रही हैं. दोषियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी. वे कहीं भी जाएं, उन्हें पकड़ा जाएगा.”दो दिन पहले एक जनसभा के दौरान अजीत पवार जनता से प्रतिमा गिरने के लिए माफ़ी भी मांग चुके हैं.बीते बुधवार को यहीं पर बीजेपी नेता नारायण राणे और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) गुट के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई थी.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस पर राजनीति न करने की अपील की है और कहा है कि इस मामले की जांच के लिए दो कमिटियां बनाई गई हैं. एक प्रतिमा के गिरने के कारणों और दोषियों का पता लगाएगी, दूसरी कमिटी नए निर्माण की रूपरेखा बनाएगी.
उधर, समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, कोल्हापुर पुलिस ने स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट और कांट्रैक्टर को गिरफ़्तार कर लिया है.अनवारण किए जाने के नौ महीने के अंदर यह प्रतिमा गिर गई, जिसके बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक तूफ़ान खड़ा हो गया.
विपक्षी महाविकास अघाड़ी ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए रविवार, एक सितंबर को मुंबई में गेटवे ऑफ़ इंडिया के पास शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास सरकार के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, कोल्हापुर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल को पुलिस ने हिरासत में लिया है.”
उन्होंने बताया, “उन्हें कोल्हापुर से गुरुवार आधी रात को हिरासत में लिया गया. सिंधुदुर्ग पुलिस की एफ़आईआर में वो नामज़द हैं. उन्हें सिंधुदुर्ग पुलिस के हवाले कर दिया गया है.”