स्पेशल डेस्क
पिछले काफी समय से बीमार चल रहे छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी का शुक्रवार को 74 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन
की सूचना उनके बेटे अमित जोगी ने खुद दी है। उन्होंने एक ट्वीट के माध्यम से कहा कि 20 वर्षीय युवा छत्तीसगढ़ राज्य के सिर से आज उसके पिता का साया उठ गया, केवल मैंने ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ ने नेता नहीं, अपना पिता खोया है। माननीय अजित जोगी जी ढाई करोड़ लोगों के अपने परिवार को छोड़ कर, ईश्वर के पास चले गए. गांव-गरीब का सहारा, छत्तीसगढ़ का दुलारा, हमसे बहुत दूर चला गया।
२० वर्षीय युवा छत्तीसगढ़ राज्य के सिर से आज उसके पिता का साया उठ गया।केवल मैंने ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ ने नेता नहीं,अपना पिता खोया है।माननीय अजीत जोगी जी ढाई करोड़ लोगों के अपने परिवार को छोड़ कर,ईश्वर के पास चले गए।गांव-गरीब का सहारा,छत्तीसगढ़ का दुलारा,हमसे बहुत दूर चला गया। pic.twitter.com/RPPqYuZ0YS
— Amit Jogi (@amitjogi) May 29, 2020
बता दें कि नौ मई को उनकी तबीयत अचानक से खराब हो गई थी। इसके बाद उनको रायपुर के अस्पाताल में भर्ती कराया गया था और वहां के डॉक्टरों ने कहा कि अजित जोगी को कार्डियक अरेस्ट हुआ है। इसके बाद उनकी तबीयत में काफी उतार-चढ़ाव भी देखने को मिला और उनको वेंटिलेटर पर रखा गया था।
अजित जोगी पर एक नजर
छत्तीसगढ़ के गठन में उनका खास योगदान माना जाता है। अजित जोगी 2000 में छत्तीसगढ़ के सीएम बने थे। सीएम बनने के वक्त उन्होंने कहा था कि हां मैं सपनों का सौदागर हूं। मैं सपने बेचता हूं। हालांकि बाद में उनका राजनीतिक जीवन काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। इसके आलवा दो बार राज्यसभा सदस्य, दो बार लोकसभा सदस्य भी रह चुके हैं।