जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। किसान जन जागरण अभियान के ‘‘तहसील दिवस पर घेराव’’ कार्यक्रम के तहत मंगलवार को प्रदेश की सभी तहसीलों पर प्रदर्शन हुआ और राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा गया। सभी कांग्रेसजनों ने किसानों की समस्याओं को उठाते हुए कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने ललितपुर के महरौनी तहसील में आन्दोलन का नेतृत्व किया।
इस मौके पर आयोजित प्रदर्शन में शामिल होकर सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि मौजूदा भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों के साथ छलावा एवं विश्वासघात कर रही है। लगातार बिजली, डीजल, खाद, बीज, कीटनाशक आदि के दाम बेतहाशा बढ़ाने के बावजूद किसानों की उपज का मूल्य नहीं बढ़ाया, पिछले तीन वर्षों में ओलावृष्टि, सूखे आदि से हुए फसलों की बर्बादी का मुआवजा नहीं दिया जबकि किसानों के खाते से फसल बीमा के नाम पर पैसे निकाल लेती है।
बुन्देलखण्ड के युवाओं, किसानों के लिए रोजगार की व्यवस्था भी नहीं की गयी जिससे चौतरफा मार झेल रहे किसान और युवा या तो भुखमरी के शिकार हैं या आत्महत्या कर रहे हैं अथवा रोजी-रोटी की तलाश में अन्य शहरों में पलायन को मजबूर हैं।
उन्होने कहा कि कल वह झांसी रेलवे स्टेशन गये थे जहां पर सैंकड़ों की संख्या में लोग बाहर रोजगार की तलाश में जा रहे थे पूछने पर उन सभी ने यह कहा कि यहां पर रोजी-रोटी की व्यवस्था न होने से वे अपना घर-खेत-खलिहान छोड़ने को विवश हैं।
पिछले वर्षों में भाजपा सरकार में रोज किसान आत्महत्या कर रहे हैं और एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार इसमें प्रदेश में 21।9 प्रतिशत का भारी इजाफा हुआ है। उन्होने सभा में सरकार से जवाब मांगते हुए कहा कि योगी जी बतायें कि उन्होने पिछले तीन वर्षों में ओलावृष्टि, आकाशीय बिजली गिरने से हुई मौतें, फसलों की बर्बादी आदि का कितना मुआवजा किसानों को दिया?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि बेटी की शादी एवं दो वक्त की रोटी के लिए थोड़ा सा कर्ज लेने पर किसानों के घरों में छापेमारी एवं गिरफ्तारी की जाती है, जिसके कारण आत्महत्याओं का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। उन्होने कहा कि केवल महेाबा में ही विगत दो माह में 46 किसानों ने आत्महत्या की है और बुन्देलखण्ड के अन्दर सौसे अधिक किसानों ने आत्महत्या की है।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि राहुल गांधी ने पूरे बुन्देलखण्ड की पदयात्रा करके किसानों से संवाद स्थापित किया था और उनकी समस्याओं को समझा था जिसके चलते यूपीए की कांग्रेस सरकार में पूरे देश में किसानों के एकमुश्त 72 हजार करोड़ रूपये की कर्जमाफी हुई थी। इतना ही नहीं बुन्देलखण्ड के लिए विशेष पैकेज सिंचाई और पेयजल योजनाओं के लिए व्यवस्था कराई थी।
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उन्होने कहा कि सिर्फ महोबा जनपद में 45 हजार किसानों की कर्जमाफी हुई थी। जबकि भाजपा की केन्द्र और प्रदेश की सरकार ने पूर्ण कर्जमाफी का वादा करके महोबा के महज 150 किसानों का कर्ज माफ किया। यूपीए की सरकार ने सूखा राहत के लिए ट्यूबवेल कनेक्शन में छूट का प्राविधान किया था जबकि आज हजारों रूपये घूस देना पड़ता है। ट्रैक्टर, पराली जलाने के लिए न तो कर्ज मिल रहा है और न ही सब्सिडी। किसान अवारा पशुओं से त्रस्त है और खेत की पहरेदारी के लिए मजबूर है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सभी 19 विधायक और 4 सांसद भाजपा के हैं और सभी ने मैं भी चैकीदार का नारा लगाया था लेकिन आज सबने मिलकर बुन्देलखण्ड के साथ ही साथ प्रदेश के सभी किसानों को पहरेदार बना दिया था। उन्होने कहा कि किसानों की समस्याओं को लेकर विधानसभा में सवाल उठाने पर सरकार कहती है कि अवारा पशुओं से फसलों को कोई नुकसान नहीं हो रहा है किसान आत्महत्या नहीं कर रहा है और हर जगह खुशहाली है, जैसे जवाब देकर किसानों के जले पर नमक छिड़कने का काम कर रही है।
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उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डॉ उमा शंकर पाण्डेय ने बताया कि इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के अलावा पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य, प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेन्द्र चैधरी, राहुल राय, राहुल रिछारिया एवं किसान कांग्रेस के अध्यक्ष शिव नारायण सिंह परिहार सहित हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे।
पाण्डेय ने बताया कि किसान जन जागरण अभियान के तहत किसानों का कर्जा माफी और बिजली का बिल हाफ करने की मांग, गांव-गांव में गौशालाएं और किसानों को रखवाली भत्ता देने की मांग, गन्ने के बकाये मूल्य का भुगतान तथा समर्थन मूल्य 400 रूपये प्रति कुन्तल, धान की खरीद हाथों-हाथ हो और समर्थन मूल्य प्रति कुन्तल 2500 रूपये हो तथा गेहूं का समर्थन मूल्य 3200रूपये प्रति कुन्तल की सरकार से मांग की जा रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने खुद लगभग 50 जनपदों के ब्लाकों में पहुंचकर लगातार जिला व ब्लाकवार दौरा कर अभियान को गति प्रदान की और कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित किसाऩ सभाओं, नुक्कड़ सभाओं को सम्बोधित किया जिसमें बड़ी तादाद में किसान शामिल रहे। इस अभियान को लेकर प्रदेश भर के किसानों में भारी उत्सुकता दिखी है।
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