न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण से फैली महामारी के कारण दुनिया भर की अधिकांश विमानन कंपनियां मई के अंत तक दिवालिया हो सकती हैं। विमानन कंपनियों के वैश्विक संगठन सीएपीए ने सोमवार को यह आशंका व्यक्त की। संगठन ने कहा कि इस तबाही से सिर्फ तभी बचा जा सकता है, जब सरकारें व उद्योग जगत तत्काल संगठित कदम उठायें।
संगठन ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए कई सरकारों ने यात्रा पर रुकावटें लगायी हैं, जिससे दुनिया भर की कई विमानन कंपनियां पहले ही तकनीकी रूप से या तो दिवालिया हो चुकी हैं या फिर कर्ज की देनदारियों के भुगतान में चूक करने की दहलीज पर हैं।
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दुनिया भर में विमानन कंपनियां महामारी को देखते हुए उड़ानों में कटौती कर रही हैं। अटलांटा स्थित कंपनी डेल्टा एयरलाइंस ने कहा कि वह अपने बेड़े के 300 वाहनों को परिचालन से बाहर कर रही है तथा उड़ानों में 40% की कटौती कर रही है।
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अमेरिका ने ब्रिटेन और आयरलैंड समेत पूरे यूरोप के लिये पर्यटक वीजा फिलहाल निलंबित कर दिया है। इस तरह भारत सरकार ने भी 11 मार्च तक जारी किये गये सभी पर्यटन वीजा और ई- वीजा को फिलहाल निलंबित कर दिया है।
सीएपीए ने सोमवार को कहा कि मई 2020 के अंत तक दुनिया भर की अधिकांश विमानन कंपनियां दिवालिया हो जाएंगी। यदि इस तबाही को रोकना है तो सरकार तथा उद्योग को संगठित कदम उठाने की जरूरत है।
संगठन ने कहा कि विमानन कंपनियों का नकदी भंडार तेजी से खत्म हो रहा है, बेड़े के विमानों को परिचालन से बाहर किया जा रहा है और परिचालन आधा से अधिक कम हो गया है।
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उसने कहा कि आने वाले समय के लिये कराये गये टिकट रद्द किये जा रहे हैं, सरकार के हर सुझाव से यात्री हवाई यात्रा के प्रति हतोत्साहित हो रहे हैं। मांग इस तरह से कम हो रहा है, जो पूरी तरह से अप्रत्याशित है। परिस्थिति का सामान्य होना दूर- दूर तक दिख नहीं रहा है।
भारत की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो ने पिछले सप्ताह कहा था कि कुछ दिन से उसकी दैनिक बुकिंग में 15- 20% की गिरावट देखी जा रही है। कंपनी ने कहा कि उसे इस कारण तिमाही परिणाम में गिरावट आने की आशंका है। सीएपीए ने कहा कि यदि संगठित प्रयास नहीं किये गये तो आने वाले समय में संरक्षणवाद बढ़ेगा और प्रतिस्पर्धा कम होगी।
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