जुबिली न्यूज डेस्क
भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी अपने बयानों की वजह से अक्सर चर्चा में रहते हैं। वह जितना निशाना कांग्रेस पर साधते हैं उतना ही सवाल वह मोदी सरकार के कामकाज पर भी उठाते हैं।
स्वामी ने रविवार को एक ट्वीट कर सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया को बेचने के लिए हो रही नीलामी की प्रक्रिया में धांधली होने का आरोप लगाया।
इतना ही नहीं उन्होंने ‘यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया’ से बात करते हुए इसके खिलाफ कोर्ट जाने की बात भी कही।
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मालूम हो कि केंद्र सरकार ने भारी आर्थिक संकट से जूझ रही एयर इंडिया की 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की घोषणा पिछले साल
की थी। इसके लिए स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह और टाटा समूह ने बोली लगाई है, लेकिन इसको लेकर दोनों कंपनियों ने आधिकारिक तौर पर अब तक कुछ नहीं कहा है। वहीं सरकार ने भी बोलीदाताओं पर चुप्पी साध रखी है।
भाजपा सांसद स्वामी ने यूएनआई से बात करते हुए एयरलाइन के लिए वित्तीय बोलियां जमा करने की अंतिम तारीख 15 सितंबर से पहले प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि, ”यह बोली पहले से ही अवैध है। न्यूनतम आवश्यकता दो बोलीदाताओं की है और स्पाइसजेट वास्तव में एक बोलीदाता नहीं है, लिहाजा यह एक धांधली है।”
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भाजपा सांसद ने कहा, ” स्पाइसजेट बहुत बड़ी वित्तीय समस्या से घिरा हुआ है। वह किसी अन्य एयरलाइन को चलाने की स्थिति में नहीं है। ना ही स्पाइसजेट एयर इंडिया के साथ विलय कर सकता है। ऐसे में यह बोली फर्जी है और इसका कोई आधार ही नहीं है।”
स्वामी ने कहा, ”टाटा योग्य नहीं हैं। वे पहले से ही एयर एशिया (इंडिया) मामले में संकट में हैं और उस पर एक अदालती मामला भी चल रहा है। मैं इसे पहले ही नागरिक उड्डयन मंत्रालय को लिखित रूप में बता चुका हूं।”
उन्होंने कहा कि वह इस मामले में ‘निश्चित रूप से’ कोर्ट जाएंगे।
कुछ दिन पहले सुब्रमण्यम स्वामी ने सार्वजनिक उद्यम को बेचे जाने पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब अर्थव्यवस्था लगातार गिर रही है, सार्वजनिक उद्यम बेचना मानसिक दिवालियापन है।
उस समय स्वामी ने ट्वीट कर लिखा था कि, “जब देश की अर्थव्यवस्था में गहरी गिरावट हो रही है ऐसे समय में सार्वजनिक उद्यम को बेचना मानसिक दिवालियापन और हताशा का संकेत है। यह एक अच्छी सोच नहीं है। मोदी सरकार इस बात से इनकार नहीं कर सकती कि सीएसओ के आंकड़े बताते हैं कि 2016 के बाद से जीडीपी की ग्रोथ माही तिमाही दर साल गिरती रही है।