जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। अयोध्या पर फैसला हुए काफी वक्त हो चुका है लेकिन इसको लेकर घमासान अब भी मचा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए विवादित ढांचे की जमीन हिंदुओं को देने और राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाने तथा अयोध्या में ही मुस्लिम पक्ष को कहीं और पांच एकड़ ज़मीन दिए जाने का फैसला सुनाया है।
इसके बाद पूरे देश में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के फैसले की सराहना हो रही है। सभी लोग इस फैसले का खुले दिल से स्वागत कर रहे हैं। दरअसल लोगों में इस बात की खुशी ज्यादा है कि कम से कम इस विवादित मुद्दे से लोगों को मुक्ति मिली लेकिन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इससे सहमत नहीं है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया है।
इस बारे में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने रविवार को बैठक करके पत्रकारों के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती दी जाएगी और उन्हें किसी और जगह मस्जिद मंजूर नहीं है। AIMPLB के सदस्य कासिम रसूल इलियास ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी।
बोर्ड की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में माना कि विवादित भूमि पर नमाज पढ़ी जाती थी और गुंबद के नीचे जन्मस्थान होने के कोई प्रमाण नहीं है। उन्होंने कहा कि कई मुद्दों पर फैसले समझ के परे है। AIMPLB ने कहा कि मस्जिद की जमीन के बदले में मुसलमान कोई दूसरी जमीन स्वीकार नहीं कर सकते हैं और न्यायहित में मुसलमानों को बाबरी मस्जिद की जमीन दी जाए।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने AIMPLB की बैठक पर सवाल उठाए हैं। मोहसिन रजा ने कहा कि यह संस्था देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रही है।
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