न्यूज़ डेस्क
वारिस पठान इन दिनों सुर्खियों में है। दरअसल वारिस पठान अपनी जुब़ान की वजह से मीडिया में चर्चा का केंद्र बने हुए है। सीएए और एनआरसी के विरोध में एआईएमआईएम (AIMIM) के प्रवक्ता वारिश पठान द्वारा दिए गये विवादित बयान पर सियासी घमासान जारी है। उनके इस बयान के बाद अब मुस्लिम संगठनो ने भी उनके खिलाफ खुलकर सामने आ रहे हैं।
बीते दिन पठान के खिलाफ बिहार के मुजफ्फरपुर में कंपनी बाग़ रोड में कुछ हिन्दू और मुस्लिम संगठनों ने प्रदर्शन किया। मुज्जफरपुर के एक अल्पसंख्यक सामाजिक संगठन ने वारिस पठान का सिर कलम करने वाले को 11 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा कर दिया है। इस मोर्चे के नाम हक-ए-हिंदुस्तान है।
इसके संयोजक तमन्ना हाशमी ने पठान के बयान की कड़ी निंदा करते हुए देश विरोधी बताया है। इससे पहले पठान के पोस्टर के साथ लोगों ने रैली निकाली। इस रैली में लोगों ने पोस्टर पर लगी पठान की तस्वीर पर जूते मारे और उसके बाद उसे जला दिया।
जाहिर है कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी का अस्तित्व जहां है उसमें हैदराबाद और महाराष्ट्र के बाद एक मात्र ऐसा राज्य बिहार है। ओवैसी की पार्टी ने कुछ महीने पहले सूबे की किशनगंज विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव जीतने में सफल रही थी। यह सीट जीतने के बाद इस बार के विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम बिहार के सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है।
दर्ज हुई एफआईआर
फिलहाल वारिस पठान के खिलाफ भारतीय दंड सहिंता(IPC) की धारा 117, 153(दंगा फैलाने के लिए भड़काना) और धारा 153ए(दो समूहों में नफरत फैलाना) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
ऐसे में वारिस पठान के इस तरह के बयान से पार्टी को नुकसान हो सकता है। बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी की मौजूदगी में पठान ने कहा था कि हम 15 करोड़ हैं, लेकिन 100 करोड़ पर भारी पड़ेंगे। पठान ने यह बयान कर्नाटक के गुलबर्ग में सीएए विरोधी एक जनसभा में दिया। इसके बाद ओवैसी ने उनपर कारवाई करते हुए मीडिया से बातचीत करने पर रोक लगा दी है।