न्यूज डेस्क
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के पूर्व विधायक वारिस पठान के ’15 करोड़ 100 करोड़ लोगों पर भारी’ वाले विवादित बयान पर सियासी घमासान मचा हुआ है। जमकर हो रही राजनीतिक बयानबाजी के बीच वारिस पठान को बीजेपी की बी टीम का हिस्सा बताया जा रहा है और सोशल मीडिया पर वारिस पठान और बीजेपी नेताओं की साथ वाली तस्वीरों को शेयर किया जा रहा है।
कांग्रेस नेता वारिस पठान के बयान को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे आंदोलन को कमजोर की बीजेपी की साजिश बता रहे हैं तो वहीं आरजेडी भड़काऊ टिप्पणी करने वाले वारिस पठान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
हालांकि, विवाद को बढ़ते देख AIMIM के प्रवक्ता वारिस पठान ने सफाई दी, लेकिन माफी मांगने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘मैंने देश और किसी धर्म के खिलाफ कुछ भी नहीं कहा है। CAA के खिलाफ हर धर्म के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। बीजेपी के नेता तो गोली मारने की बात तक कहते हैं। बीजेपी देश के लोगों को अलग करना चाहती है। लोगों को समझना जरूरी है। मैं अपने बयान पर माफी नहीं मांगूंगा।’
बता दें कि कर्नाटक के गुलबर्गा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान विवादित बयान देते हुए कहा कि 100 करोड़ (हिंदुओं) पर 15 करोड़ (मुसलमान) भारी पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि अगर आजादी दी नहीं जाती तो छीनना पड़ेगा।
#WATCH AIMIM leader Waris Pathan: …They tell us that we’ve kept our women in the front – only the lionesses have come out&you’re already sweating. You can understand what would happen if all of us come together. 15 cr hain magar 100 ke upar bhaari hain, ye yaad rakh lena.(15.2) pic.twitter.com/KO8kqHm6Kg
— ANI (@ANI) February 20, 2020
वारिस पठान इस बयान का वीडियो भी सामने आया है जिसमें सुना जा सकता है कि उनकी (मुसलमानों की) संख्या अभी 15 करोड़ है, लेकिन ये 15 करोड़ 100 करोड़ पर भारी है। अगर ये 15 करोड़ साथ में आ गए, तो सोच लो उन 100 करोड़ का क्या होगा?
इसके साथ ही उन्होंने पठान ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं को उकसाते हुए उन्होंने कहा, हिंदुओं को हिलाना है न, मोदी-अमित शाह की तख्त को गिराना है न? तो आवाज ऐसी बनानी है कि यहां से निकले और सीधे दिल्ली के अंदर गिरे। उन्होंने यह भी कहा, हम ईंट का जवाब पत्थर से देना जानते हैं। वारिस पठान के इस बयान के बाद राजनीति गरम हो गई है।
हमारी सांझी विरासत और सांझी शहादत की बदौलत हम सांझी लड़ाई लड़ रहे है। भाजपाईयों के लाख चाहने के बावजूद भी ध्रुवीकरण नहीं हो पा रहा तो कट्टरपंथी BJP ने अब अपने सहयोगी कट्टरपंथी लोगों को आगे किया है। संविधानप्रिय व न्यायप्रिय लोग ऐसे ज़हरीले लोगों का बहिष्कार करे। https://t.co/0VIDraEj0N
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 20, 2020
मुंबई के भायखला से चुनाव लड़ने वाले वारिस पठान के जुबान से जहर उगलने के बाद आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बड़ी टिप्पणी की। तेजस्वी यादव ने कहा कि एआईएमआईएम के वारिस पठान का बयान निंदनीय है। उनको गिरफ्तार कर लेना चाहिए।
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि एआईएमआईएम बीजेपी की बी-टीम की तरह काम कर रही है। इसी तरह अनुराग ठाकर और परवेश वर्मा की भी गिरफ्तारी होनी चाहिए। जो भी भड़काऊ टिप्पणी करता है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
वारिस के विवादित बयान को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने भी उन पर निशाना साधा। शाहनवाज हुसैन ने कहा कि एआईएमआईएम को ये गलतफहमी हो गई है कि देश के जितने मुसलमान हैं वो उनके कहने में आते हैं। उनको ये गलतफहमी दूर करनी चाहिए। इस तरह का बयान देकर वो हिंदू-मुस्लिम के बीच टकराव चाहते हैं। हिन्दू-मुस्लिम के सौहार्द को तोड़ना चाहते हैं।
वहीं, इससे पहले वारिस पठान के विवादित बयान पर कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा था कि ’15 करोड़ v/s 100 करोड़’ वाला बयान CAA विरोधी आंदोलन को कमजोर कर सकता है। शोध का विषय ये है कि बयान दिया गया या दिलवाया गया? उन्होंने कहा कि CAA विरोधी आंदोलन हिंदू-मुस्लिम विवाद बन जाए, ये प्रयास दोनों तरफ से हो रहा है। ये देश के लिए घातक है।
Who is #WarisPathan ?
Well played #BJP , very nice front foot straight drive. 😢 But remember one thing people already made him (ला) #वारिस_पठान ! 😊#WarisPathanPagalHai #OwaisiKaWaris pic.twitter.com/gi69NioFN4— manishbpl (@manishbpl1) February 21, 2020
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस और वारिस पठान के करीबी रिश्ते बताए जाते हैं। कहा जाता है कि दोनों अच्छे दोस्त हैं। वारिस पठान के विवादित बयान के बाद सोशल मीडिया में दोनों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं।
सवाल है कि क्या अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कोई कुछ भी कह सकता है? नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध के नाम पर AIMIM लगातार उग्र प्रदर्शऩ कर रही है लेकिन ये कहां तक जायज है कि इसे हथियार बनाकर इसकी आड़ में किसी समुदाय विशेष को सीधी और खतरनाक धमकी दी जाए।