न्यूज डेस्क
कोरोना वायरस रोकने के लिए देश में पिछले 45 दिनों से लॉकडाउन लागू है। लेकिन इसके बाद भी संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 56 हजार को पार कर चुका है। स्वास्थ्य मंत्रालय की माने तो देश में 56,342 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इसमें से 1,886 लोगों की मौत हुई है। जबकि 16,539 लोग ठीक हो चुके हैं। अभी देश में एक्टिव केस की संख्या 37, 916 है।
यहां गौर करने वाली बात ये है कि बीते 24 घंटे में देश में कोरोना के 3,390 नए केस सामने आए हैं और 103 मौतें रिपोर्ट की गई हैं। इतना ही नहीं पिछले तीन दिनों में दस हजार से अधिक लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। इससे पहले छह मई को 2680, पांच मई को 3875 मामले मिल थे। चार राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में कोरोना से सर्वाधिक मौतें हुई हैं। चार राज्यों में ही अकेले 1300 से अधिक मौतें हो चुकी हैं जो कुल मौतों का 78 फीसदी के करीब है।
इस बीच एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने एक डराने वाला दावा किया है। एम्स के डायरेक्टर का कहना है कि जून-जुलाई में कोविड का संक्रमण पीक पर होगा। अभी तक नैशनल और इंटरनैशनल लेवल पर जो भी इस पर मैथेमेटिकल और मॉडलिंग डेटा सामने आया है, उसके अनुसार यही अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत में जून-जुलाई में कोविड संक्रमण पीक पर हो सकता है। इसलिए संक्रमण को लेकर अभी अलर्ट रहना है और इसके साथ हमें आगे भी बढ़ना है।
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि भारत में कोविड को संक्रमण को लेकर जो अनुमान लगाए जा रहे हैं, वह मॉडलिंग डेटा के आधार पर किया जा रहा है। इसमें मैथेमेटिकल ग्रोथ देखा जाता है और इसी के आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है। इसके आधार पर कहा जा रहा है कि भारत में जून-जुलाई में पीक पर हो सकता है। हालांकि, पहले मई में पीक का अनुमान था। लेकिन इस वायरस के बारे में अभी भी बहुत सही आकलन करना मुश्किल है। इसलिए समय बताएगा कि पीक कब आता है।
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि लॉकडाउन का अच्छा असर दिखा है। जिस रफ्तार में केसेज बढ़ने चाहिए थे उससे बहुत कम है। हम कुछ हफ्ते पहले कहां पर थे और आज कहां पर हैं, इसके ग्रोथ की तुलना दूसरे देशों से करें तो हम बेहतर स्थिति में हैं। उनका कहना है कि लॉकडाउन ने हमें काफी समय दिया है, न केवल स्थिति को नियंत्रण करने में बल्कि तैयारी करने का भी मौका मिला है।
इसके खिलाफ हमारी तैयारी पहले से बेहतर स्थिति में है। आज हमारे पास कोविड के लिए हॉस्पिटल है, आईसीयू है, वेंटिलेटर आ गए हैं। यहां तक कि इलाज में लगे डॉक्टरों की ट्रेनिंग हो चुकी है। पहले देश भर में हर रोज एक से दो हजार टेस्टिंग हो पाती थी, आज हर रोज 80 से 90 हजार तक टेस्ट हो रहे हैं। जैसे-जैसे मामले बढ़ेंगे उसके अनुसार तैयारी भी की जाएगी।
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि कोविड का संक्रमण बढ़ रहा है और अभी इसका ग्रोथ चार से साढ़े चार पर्सेंट है। अभी सतर्क रहने की जरूरत है। जो आंकड़े आ रहे हैं, उसमें यह तो साफ दिख रहा है कि मामला बढ़ रहा है, कहीं से भी यह कम नहीं हो रहा है। भले ही रफ्तार कम है, लेकिन यह बढ़ ही रहा है। इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है और कहीं न कहीं हर किसी को इस बारे में ध्यान देना होगा और अपनी-अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
मेरा मानना है कि अभी हॉट स्पॉट पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। संक्रमण वहीं से बढ़ रहे हैं। हमारे यहां अभी भी बहुत ज्यादा हॉटस्पॉट नहीं हैं। इसे कंट्रोल करने की जरूरत है। हॉटस्पॉट के अंदर अग्रेसिव होकर संक्रमण फैलने से रोकना होगा। अगर हम इसे कंट्रोल कर पाएंगे तो बेहतर होगा।
छूट कितनी कारगर होगी
उनका कहना था कि छूट को समझना जरूरी है, अगर लोग इकट्ठा होने लगेंगे तो फिर यह सही नहीं है। छूट आपके लिए है, लेकिन इस दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी है। यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि छूट के दौरान नियमों का पालन करें। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो इसका नुकसान हो सकता है।