जुबिली न्यूज डेस्क
विपक्ष और देशभर के किसानों के विरोध के बीच आज केंद्र सरकार ने राज्यसभा के पटल पर कृषि सुधार से जुड़े तीन विधेयकों को रख दिया।
कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में बिल पेश करते हुए कहा कि इन बिलों से किसानों के जीवन में बदलाव आयेगा। उन्होंने कहा कि दो बिल ऐतिहासिक हैं और किसानों के जीवन में बदलाव लाएंगे। किसान देश में कहीं भी अपनी उपज का स्वतंत्र रूप से व्यापार कर सकेंगे। मैं किसानों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि ये बिल न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित नहीं हैं।
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केंद्र सरकार की आज पूरी कोशिश होगी कि राज्यसभा में ये बिल पास हो जाए। इस बीच कांग्रेस और बीजेपी ने राज्यसभा के अपने सभी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा है।
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इन विधेयकों को किसान-विरोधी बताते हुए पंजाब और हरियाणा के किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ये विधेयक लोकसभा में पारित किए जा चुके हैं।
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Union Minister of Agriculture and Farmer Welfare Narendra Singh Tomar moves Farmers’ and Produce Trade and Commerce (Promotion and Facilitation) Bill, 2020 and Farmers (Empowerment and Protection) Agreement on Price Assurance and Farm Services Bill, 2020, in Rajya Sabha pic.twitter.com/vvguAWeSsh
— ANI (@ANI) September 20, 2020
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राज्यसभा में बीजेपी के 86 सांसद हैं और एनडीए के 109 सांसद। पर एनडीए का घटक दल शिरोमणी अकाली दल इन विधेयकों के पक्ष में नहीं है और हरसिमरत कौर बादल इसके विरोध में मंत्री पद से इस्तीफा भी दे चुकी हैं।
इसलिए, जाहिर है कि अकाली दल के तीन राज्यसभा सांसद अपना वोट इन विधेयकों के विरोध में देंगे। राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा 122 है। सरकार ने एनडीए से अलग क्षेत्रीय पार्टियों से समर्थन जुटाने की कोशिश की है। एआईएडीएमके ने विधेयकों के समर्थन की घोषणा की है।
तो सरकार के पास 114 सांसदों का समर्थन है। कांग्रेस, सपा, बीएसपी, आम आदमी पार्टी, शिवसेना, टीएमसी को मिलाकर सौ सांसद बिल के विरोध में हैं।
लेकिन कुछ सांसद कोरोना पॉजिटिव भी पाए गए हैं और राज्यसभा में नहीं होंगे तो बहुमत का आंकड़ा जुटाना सरकार के लिए मुश्किल नहीं होगा।
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