जुबिली न्यूज डेस्क
69,000 शिक्षक भर्ती में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ डबल बेंच का फैसला आने के बाद ओबीसी और एससी वर्ग के अभ्यर्थी,उस फैसले को जल्द लागू करने के लिए लगातार लखनऊ में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी में आरक्षित वर्ग में शामिल अभ्यर्थियों ने आज सोमवार को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव किया.
अभ्यर्थी हाई कोर्ट लखनऊ के डबल बेंच से दिए गए फैसले का पालन किए जाने की मांग को लेकर केशव प्रसाद के घर के सामने धरने पर बैठे हैं. बड़ी संख्या में पहुंचे अभ्यर्थी यहाँ जोरदार नारेबाजी कर रहे हैं.
घेराव कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि हाई कोर्ट का जो फैसला आया है.सरकार उसे जल्द से जल्द लागू करें और आरक्षित वर्ग अभ्यर्थियों को न्याय देते हुए उनकी नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त करे.अभ्यर्थियों ने दागी अधिकारियों को तत्काल हटाए जाने की मांग रखते हुए नए अधिकारी वहां नियुक्त करने की मांग रखी है.अभ्यर्थियों का मानना है कि नए अधिकारियों के आने के बाद भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी रूप से पूरी हो सकेगी.स्थिति को कंट्रोल में रखने के लिए मौके पर भारी पुलिस बल भी तैनात है.
धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने बताया कि वर्ष 2018 में यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी.जब इसका परिणाम आया तो इसमें व्यापक स्तर पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया और उन्हें नौकरी देने से वंचित कर दिया गया.एक लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद बीते 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाई कोर्ट के डबल बेंच ने हम आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया है और नियमों का पालन करते हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का आदेश दिया है.लेकिन सरकार इस प्रकरण में हीला हवाली कर रही है.
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छात्रों ने कहा हम चाहते हैं कि सरकार जल्द से इस प्रकरण का समाधान करें.वहीं एक शेड्यूल जारी करके बताएं कि हम पीड़ितों की नियुक्ति कब की जा रही है.उन्होंने कहा कि, कोर्ट ने 69000 शिक्षक भर्ती मूल चयन सूची रद्द करते हुए सरकार को तीन महीने के अंदर आरक्षण नियमों का पालन करते हुए नई सूची जारी करने का आदेश दिया है.लेकिन सरकार ने अभी तक कोई काम शुरू नहीं किया है केवल एक मीटिंग की है.हमारी मांग है कि सरकार हमारी चयन संबंधित प्रकिया का कार्यक्रम शेड्यूल जारी कर दे.