- शिक्षक धरने में विघ्न डालने की साजिश रची विश्वविद्यालय प्रशासन ने..
ओम प्रकाश सिंह
अयोध्या। अवध विश्वविद्यालय प्रशासन के अदूरदर्शी निर्णयों से डाक्टर राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक संघ आंदोलित है।
शिक्षकों ने अवकाश लेकर परीक्षाओं का बहिष्कार कर विश्वविद्यालय में धरना दिया। कुलसचिव के इशारे पर धरने में विघ्न डालने का प्रयास भी किया गया। मांग पूरी ना होने पर शिक्षक संघ ने परीक्षा संबधी समस्त कार्यों के बहिष्कार का निर्णय लिया है। कुलपति प्रतिभा गोयल ने शनिवार को वार्ता करने की बात कहा है।
पिछले तीन सालों से रामनगरी के अवध विश्वविद्यालय में प्रशासन की कार्यप्रणाली ने शैक्षणिक व्यवस्था को चौपट कर रखा है। अवैध नियुक्तियों, भ्रष्टाचार, जातीयता, गोपनीय, परीक्षा कार्यों में वसूली को लेकर पूर्व कुलपति रविशंकर सिंह पटेल से इस्तीफा ले लिया गया था।
विश्वविद्यालय कुछ दिन तक कार्यवाहक कुलपति के भरोसे रहा फिर राजभवन ने प्रो प्रतिभा गोयल को कुलपति नियुक्त किया लेकिन व्यवस्था में सुधार नहीं दिखाई पड़ रहा।
पठन पाठन बाधित है, आनलाइन संगोष्ठियों का जोर है। नई शिक्षानीति का खामियाजा छात्र, शिक्षक सब भुगत रहे हैं। कार्य परिषद अपूर्ण है। मनमानी करने के लिए छात्र कोटे से चार सदस्यों का चुनाव नहीं कराया जा रहा है।
शिक्षक संघ ने कई बार विश्वविद्यालय प्रशासन को पंद्रह सूत्रीय मांग पत्र पर कारवाई करने का निवेदन किया। प्रशासन ने जब कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया तो उद्वेलित होकर अमेठी, सुल्तानपुर ,अम्बेडकर नगर ,अयोध्या ,गोण्डा ,बहराइच,व बाराबंकी के महाविद्यालयों के 250 से अधिक शिक्षकों ने सामूहिक अवकाश लेकर परीक्षा का बहिष्कार कर दिया।
विश्वविद्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन किया। कुलपति व कुलसचिव की मनमानी से शिक्षा मंदिर में शिक्षकों को अपनी विधिक मांगो के लिए धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है।
धरना प्रदर्शन के दौरान पूर्वनियोजित योजना के अनुसार विश्वविद्यालय प्रशासन ने शांतिपूर्वक चल रहे धरने में व्यवधान उत्पन्न करने का प्रयास भी किया। कहा जा रहा है कि कुलसचिव के इशारे पर यह कृत्य किया गया।
इसके पूर्व भी कुलसचिव उमानाथ ऐसी कोशिश कर चुके हैं। शिक्षक संघ पदाधिकारियों की सूझबूझ से अप्रिय घटना घटने से बच गई।
प्रशासन द्वारा उत्पन्न की गई स्थिति से शिक्षकों में रोष व्याप्त है। कुलपति ने शिक्षकों को शनिवार को वार्ता के लिए बुलाया है इसके मद्देनजर आम सभा ने धरना/ प्रदर्शन स्थगित कर दिया है।
यदि वार्ता में कोई सकारात्मक परिणाम नही निकला तो द्वितीय पाली से परीक्षा बहिष्कार व 26 फरवरी से परीक्षा सम्बन्धी सभी कार्य जैसे पेपर सेटिंग, मॉडरेशन , मूल्यांकन प्रायोगिक परीक्षा ,अध्ययन बोर्ड ,ऐकडेमिक की बैठक का बहिष्कार व प्रत्येक महाविद्यालय के नोडल सेंटर से प्रश्नपत्र के वितरण का कार्य रोक कर प्रत्येक महाविद्यालय स्तर पर धरना प्रदर्शन आयोजित किए जाएँगे।
धरने को शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो वी पी सिंह , महामंत्री प्रो.जितेंद्र सिंह , प्रो मंशाराम वर्मा,प्रो.अमूल्य कुमार सिंह पूर्व अध्यक्ष प्रो. सुशील सिंह डॉ. बी के सिंह ,डॉ.जनमेजय तिवारी ,डॉ.नरमदेश्वर पांडेय,डॉ.आशा गुप्ता ,कनिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ.अमृता मिश्रा ,प्रो.जय शंकर तिवारी ,प्रो. मनोज मिश्रा ,प्रो.अलमतर अली ,प्रो हेमंत सिंह ,डॉ. अखिलेश पटेल प्रो. आशुतोष सिंह डॉ. किशनवीर डॉ. चंद्रदेव सिंह आदि ने सम्बोधित करते हुए विश्विद्यालयीय कार्यों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया।
धरने में डॉ. शैलेंद्र नाथ मिश्रा,डॉ.बी पी सिंह, डॉ.अवधेश सिंह डॉ. संतलाल डॉ, धनंजय सिंह, डॉ. के के सिंह डॉ.अनिल विश्वकर्मा ,डॉ आर पी सिंह,डॉ.पुष्यमित्र मिश्रा, डॉ.विपिन मिश्रा डॉ. के के सिंह डॉ.अखिलेश वर्मा प्रो. कविता सिंह डॉ.कविता प्रो सुषमा पाठक सहित सातों जनपदों से सैकड़ों शिक्षक उपास्थित रहे।