न्यूज डेस्क
शहीद हेमंत करकरे पर प्रज्ञा द्वारा दिए गए विवादित बयान पर अभी आलोचना थमी नहीं कि अब लोकसभा स्पीकर और इंदौर से आठ बार की भाजपा सांसद सुमित्रा महाजन ने करकरे पर बयान देकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। महाजन के इस बयान से बीजेपी एक बार फिर असहज स्थिति में आ गई है।
सुमित्रा महाजन ने शहीद हेमंत करकरे के कामकाज पर ऊंगली उठाई है। उन्होंने कहा कि हेमंत करकरे इसलिए शहीद हुए क्योंकि ड्यूटी पर तैनाती के वक्त उनकी मौत हुई, लेकिन महाराष्ट्र आतंकरोधी दस्ता के प्रमुख के रूप में उनका काम उत्कृष्ट नहीं था।
सुमित्रा महाजन ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘हेमंत करकरे के दो पहलू हैं। वह शहीद हुए क्योंकि ड्यूटी पर तैनाती के दौरान उनकी मौत हुई, लेकिन एक पुलिस अधिकारी के रूप में उनकी भूमिका सही नहीं थी, हमारा कहना है कि यह सही नहीं है।’
दिग्विजय सिंह पर भी साधा निशाना
सुमित्रा महाजन ने दिग्विजय सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पास कोई सबूत नहीं है लेकिन उन्होंने सुना है कि कांग्रेस नेता और भोपाल से पार्टी के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह करकरे के दोस्त थे।
उन्होंने कहा कि जब सिंह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने अक्सर आरएसएस पर बम बनाने और आतंकी संगठन होने का आरोप लगाया। महाजन ने आरोप लगाया कि इंदौर से महाराष्ट्र एटीएस द्वारा की गई गिरफ्तारी पूर्व सीएम के इशारे पर हुई थी।
दिग्विजय ने ट्वीट कर दिया आरोपों का जवाब
लोकसभा स्पीकर की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, दिग्विजय ने ट्वीट किया, ‘सुमित्रा ताई, मुझे गर्व है कि आप मुझे अशोक चक्र विजेता शहीद हेमंत करकरे के साथ जोड़ रही हैं। आपके सहयोगी उनका अपमान कर सकते हैं, लेकिन मैंने हमेशा देश के हित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता के बारे में बात करने वालों का समर्थन किया है।’
महाजन ने यह भी कहा कि प्रज्ञा ठाकुर हिरासत में प्रताडि़त होने वाली अकेली नहीं थीं और उन्होंने दिलीप पाटीदार का उदाहरण दिया, जिन्हें नवंबर 2008 में इंदौर से महाराष्ट्र एटीएस ने पूछताछ के लिए गिरफ्तार किया था।
उन्होंने कहा कि पाटीदार कभी नहीं लौटे, और उनके लापता होने का मुद्दा लोकसभा और अदालत में उठा था। महाजन ने आरोप लगाया कि वह पुलिस हिरासत में मारे गए। उन्होंने कहा, ‘ये तथ्य हैं, किसी को इस पर जवाब देना चाहिए।’ सुमित्रा महाजन ने एक मराठी टीवी चैनल पर भी कुछ ऐसी ही टिप्पणी की थी।