जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। मुलायम कुनबे के दो अहम सदस्य शिवपाल सिंह यादव व अखिलेश यादव अब अलग-अलग दल के अध्यक्ष है।
सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव है जबकि उसी पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे शिवपाल सिंह यादव प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रमुख है।
परिवारिक झगड़े के बाद अलग हुए शिवपाल यादव ने अपनी अलग पार्टी तो बना लेकिन जिस राम मनोहर लोहिया के आदर्शों की बुनियाद पर सपा का गठन हुआ था, उसी के पद चिन्ह पर प्रसपा का भी निर्माण किया था और अपनी पार्टी के नाम के आगे लोहिया का नाम जोड़ा।
जब प्रसपा का गठन हुआ था उस समय सपा के कई नेताओं ने शिवपाल के लोहिया प्रेम पर सवाल उठाया था लेकिन अब शिवपाल का लोहिया प्रेम खुलकर सामने आ गया है।
2022 विधानसभा चुनाव के लिए अभी से विपक्ष तैयारी में लगा हुआ है। इस क्रम में अखिलेश यादव को अपनी पार्टी को मजबूत कर रहे हैं। दूसरी ओर शिवपाल यादव ने भी अपनी पार्टी को पहचान दिलाने में जुट गए है। ऐसे में चुनाव ठीक पहले शिवपाल का लोहिया प्रेम जाग गया है और उन्होंने इसको लेकर बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने कहा है कि राम मनोहर लोहिया ने जिन कारणों से गैर-कांग्रेसवाद का नारा दिया था, वे कारण आज और भी अधिक त्रासद व भयावह रूप में विद्यमान हैं।
फर्क इतना है कि उस समय कांग्रेस सत्तासीन थी, इस समय भाजपा है। लोहिया होते तो आज गैर-भाजपावाद मुहिम चलाते। अब यह मुहिम लोहिया से प्रेरणा लेकर प्रसपा चलाएगी। शिवपाल ने यह बयान राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि दिया है।
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बता दें कि शवपाल यादव और अखिलेश यादव दोनों अलग-अलग हो चुके हैं। हालांकि बीच-बीच में ये बात सामने आती रहती है कि शिवपाल सपा में दोबारा शामिल हो सकते हैं लेकिन ये सिर्फ कयास ही रह जाते हैं।
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