न्यूज़ डेस्क
दिल्ली के मुनीरका में 16 दिसम्बर 2012 को हुए निर्भया कांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। लोग सडकों पर उतर आये थे, कैंडल मार्च और जगह जगह धरने से पूरा देश जूझ रहा था। सबकी जुबान पर एक ही नारा था निर्भया के हत्यारों को फांसी हो। उसके बाद सुप्रीमकोर्ट ने दोषियों को मौत की सजा भी सुनाई। ऐसा ही एक मामला बिहार के छपरा में सामने आई है। यहां प्रदेश के छपरा में एक नाबालिग छात्रा से गैंगरेप की घटना सामने आई है।
मिली जानकारी के अनुसार, छपरा के घटना नगर थाना के रोजा मोहल्ले की है। यहां नाबालिग लड़की के पूर्व परिचित ने अपने साथियों के साथ मिलकर पहले उसके साथ गैंग रेप किया। उसके बाद आरोपियों ने छात्रा के प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड डाल दी। इससे छात्रा की हालत गंभीर हो गई। पहले पीडिता को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन हालत बिगड़ने पर उसको पटना रेफ़र कर दिया है।
खास बात ये है कि इस दौरान पटना मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (PMCH) के डॉक्टरों ने बुरी तरह घायल लड़की का तब तक इलाज करने से इनकार कर दिया, जब तक एफआइआर (FIR) की कॉपी न मिल जाए।
बताया जा रहा है कि छात्रा के पूर्व परिचित ने झांसा देकर एक कमरे में बुलाया था। उसके बाद उसने गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि पुलिस अभी तक इस मामले में कुछ भी कहने से बच रही है।
वहीं इस घटना को लेकर एसपी सारण हर किशोर राय ने बताया कि पीड़िता ने तीन के विरुद्ध गैंगरेप का आरोप लगाया है। आरोपियों में से एक को गिरफ्तार कर लिया गया है। घटना के बाद जब पीड़िता खून से लथपथ रोते-बिलखते घर पहुंची तो घर वाले कुछ समझ नहीं पाए। इसके बाद परिजन उसे सदर अस्पताल लेकर गए। जब लड़की को होश आया तो उसने परिजनों को घटना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि फिलहाल पीड़िता के बयान दर्ज होने के बाद ही इस मामले के बारे में विस्तृत जानकारी मिल सकेगी।
छपरा की घटना ने निर्भया की मां को अपनी बेटी के साथ हुई दरिंदगी की याद को एक बार फिर ताजा कर दिया है। उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा है कि दुनिया के तमाम काम हो रहे हैं, लेकिन महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। प्रशासन, सरकार और व्यवस्था ने कोई सबक नहीं लिया है।