जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. करनाल में पुलिस की लाठीचार्ज से किसान की मौत के बाद किसानों में ज़बरदस्त आक्रोश है और पुलिस बैकफुट पर है. मरने वाले किसान का नाम सुशील काजल बताया जा रहा है. पुलिस की लाठीचार्ज से चोट खाए किसान की मौत के बाद किसानों में आक्रोश एसडीएम के वायरल बयान को लेकर भी है. इस वीडियो में एसडीएम पुलिस को यह निर्देश देते सुनाई दे रहे हैं कि इधर से कोई भी गुज़रे उसका सर ज़रूर फटना चाहिए. अब जब किसान की मौत हो गई है तो अपने दामन पर पड़े खून के छींटों को देखकर पुलिस कह रही है कि किसान की मौत लाठीचार्ज से नहीं हार्ट अटैक से हुई है.
अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा ने यह दावा किया है कि किसान की मौत की वजह पुलिस का लाठीचार्ज ही है. करनाल के पुलिस अधीक्षक गंगा राम पुनिया ने किसान मजदूर सभा के दावे को नकारते हुए कहा है कि किसान की मौत हार्ट अटैक से हुई है. एसपी करनाल ने कहा कि किसान अगर लाठीचार्ज से मरता तो उसे फ़ौरन किसी अस्पताल ले जाया जाता लेकिन वह तो सामान्य हालत में अपने घर गया था और सोते समय उसकी मौत हो गई. ऐसे में यह कहना गलत होगा कि पुलिस की मार से आई चोटों की वजह से उसकी मौत हुई है. उन्होंने कहा कि जिस किसान की मौत हुई उसके घर वालों ने कोई रिपोर्ट भी नहीं लिखाई है.
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अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के महासचिव डॉ. आशीष मित्तल ने बताया कि एसडीएम के आदेश पर बसटाडा टोल पर किसानों पर बेरहमी से लाठियां बरसाई थीं. पुलिस की लाठी की गहरी चोट की वजह से सुशील ने शुक्रवार की रात को दम तोड़ दिया.