जुबिली न्यूज डेस्क
बीजेपी को 2014 के बाद पहली बार लोकसभा चुनाव में बहुमत नहीं मिला है. ऐसे में सरकार बनाने के लिए बीजेपी की निर्भरता राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल दलों पर बढ़ गई है. एनडीए में सहयोगी दलों ने ये तो साफ कर दिया है कि वो नरेंद्र मोदी के साथ हैं, लेकिन इस बीच दवाब की राजनीति भी शुरू हो गई है.
एनडीए में शामिल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड और पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी ने बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है. जेडीयू ने कहा कि अग्निवीर योजना को लेकर फिर से सोचने की जरूरत है. समान नागरिक संहिता (UCC) पर सभी राज्यों से बातचीत की जानी चाहिए. वहीं, टीडीपी कई अहम मंत्रालय चाहता है.
जेडीयू ने क्या कहा?
जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा, ”अग्निवीर योजना को लेकर बहुत विरोध हुआ था. चुनाव में भी इसका असर देखने को मिला है. ऐसे में इस पर दोबारा विचार करने की जरूरत है. अग्निवीर योजना को नए तरीके से सोचने की आवश्यकता है.” उन्होंने कहा कि यूसीसी पर हमारा रुख पहले वाला ही है. यूसीसी को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने विधि आयोग को चिट्ठी लिखते हुए कहा था कि जेडीयू इसके खिलाफ नहीं है, लेकिन सभी पक्षो से बात होनी चाहिए.
टीडीपी ने क्या मांग की है?
द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टीडीपी केंद्र में लोकसभा स्पीकर का पद और 6 महत्वपूर्ण मंत्रालय चाहता है. वो इसे पांच करने के लिए राजी है.