जुबिली न्यूज डेस्क
अयोध्या, काशी, मथुरा और संभल के बाद अब जौनपुर के मंदिर-मस्जिद का विवाद भी इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया है. जौनपुर की अटाला मस्जिद विवाद से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में 9 दिसंबर को सुनवाई होगी. सोमवार को होने वाली सुनवाई में मस्जिद की जगह मंदिर होने का दावा करने वाले स्वराज वाहिनी एसोसिएशन को अपना जवाब दाखिल करना होगा.
इस मामले में हाईकोर्ट को मुख्य रूप से यह तय करना है कि जौनपुर की अदालत में मस्जिद को मंदिर बताकर वहां पूजा अर्चना का अधिकार दिए जाने की मांग को लेकर दाखिल किए गए मुकदमे की सुनवाई हो सकती है या नहीं. अदालत को मुकदमे की पोषणीयता पर अपना फैसला देना है. हाईकोर्ट में याचिका को अटाला मस्जिद के वक्फ की तरफ से दाखिल की गई है. मामले की सुनवाई जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में होगी.
अटाला मस्जिद के वक्फ की इस याचिका में जौनपुर के जिला जज द्वारा पुनरीक्षण अर्जी पर दिए गए आदेश को चुनौती दी गई है. जिला जज ने इसी साल 12 अगस्त को आदेश जारी कर जौनपुर की जिला कोर्ट में दाखिल मुकदमे की पोषणीयता को मंजूरी दे दी थी. जिला जज ने अपने फैसले में कहा था कि स्वराज वाहिनी एसोसिएशन का मुकदमा चलता रहेगा.
अटला देवी का मंदिर होने का है दावा
गौरतलब है कि स्वराज वाहिनी एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष कुमार मिश्रा ने इसी साल जौनपुर जिला कोर्ट में मुकदमा दाखिल कर यह दावा किया था कि जौनपुर की अटाला मस्जिद को मंदिर को तोड़कर बनाया गया है. जिस जगह मस्जिद है, वहां पहले अटला देवी का मंदिर था. इस मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में राजा विजय चंद्र ने कराया था.
ये भी पढ़ें-टारगेट पूरा करने के लिए अविवाहित युवाओं की कर दी नसबंदी
कुछ दशक बाद ही फिरोज शाह तुगलक ने जौनपुर पर कब्जा करने के बाद मंदिर को मस्जिद में तब्दील कर दिया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट में एसोसिएशन के अधिवक्ता धीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक जौनपुर जिला कोर्ट में दाखिल मुकदमे में विवादित जगह पर हिंदुओं को पूजा अर्चना की इजाजत दिए जाने की मांग की गई है.