प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. कोविड ड्यूटी के दौरान कोरोना पॉजिटिव हो चुके डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के फिजियोथेरेपिस्ट अनिल कुमार की रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद दोबारा से कोविड-19 चिकित्सा इकाई में लगा दी गई है. अनिल कुमार ने संस्थान के निदेशक को पत्र लिखकर अपनी ड्यूटी कोविड-19 चिकित्सा इकाई से हटाने के लिए कहा है. ड्यूटी न हटाये जाने पर 11 दिसम्बर से आमरण अनशन का एलान भी कर दिया है.
अनिल कुमार ने अपने पत्र में लिखा है कि कोविड-19 चिकित्सा इकाई में ड्यूटी करते हुए वह पॉजिटिव हो गया था. रिपोर्ट निगेटिव हो जाने के बाद भी अभी बहुत सी परेशानियां हैं. सांस फूलने लगी है. चलने में दिक्कत है. कमजोरी बनी रहती है. पैरों में झुनझुनाहट होती है. शुगर लेबल बढ़ गया है.
उन्होंने लिखा है कि डाक्टरों का कहना है कि यह कोविड के साइड इफेक्ट हैं. न्यूरोलाजी में इलाज चल रहा है. एमआरआई कराने को कहा गया है. बीमारी की वजह से बहुत लाइट काम कर सकता हूँ. एक घंटे से ज्यादा खड़ा नहीं रह सकता.
अनिल कुमार ने बताया कि फिजियोथेरेपिस्ट की ड्यूटी नर्सिंग स्टाफ नहीं लगा सकता. इस नियम के बावजूद सात दिसम्बर को ड्यूटी के सम्बन्ध में यह आदेश दिया गया कि मैं कोविड चिकित्सा इकाई में ड्यूटी करूं. जबकि ड्यूटी के सम्बन्ध में दो सप्ताह पहले अवगत कराया जाता है.
फिजियोथेरेपिस्ट ने लिखा है कि शारीरिक रूप से स्वस्थ होने के पहले कोविड-19 चिकित्सा इकाई में ड्यूटी न लगाईं जाए. उन्होंने लिखा है कि आज ड्यूटी पर आने पर रजिस्टर में मेरे नाम के आगे कोविड-19 ड्यूटी लिखा है. इस वजह से उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर नहीं किया है.
अनिल कुमार ने लिखा है कि बार-बार अवगत कराने के बावजूद शासनादेशों का पालन नहीं किया जा रहा है. जबकि संस्थान प्रशासन अपने चाहने वालों की ड्यूटी वहां नहीं लगा रहा है. मैं जिस ड्यूटी को करने में असमर्थ हूँ मुझे उस ड्यूटी में लगाया जा रहा है.
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अनिल कुमार ने लिखा है कि स्वस्थ होने के बाद मुझे कोविड चिकत्सा इकाई में ड्यूटी करने में कोई शिकायत नहीं है लेकिन अगर बीमारी के दौरान भी मुझे वहीं ड्यूटी करने को मजबूर किया गया तो 11 दिसम्बर को सुबह नौ बजे से प्रशासनिक भवन के पोर्टिको में आमरण अनशन पर बैठूंगा. जिसकी जिम्मेदारी संस्थान प्रशासन की होगी.