जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. पंजाब में सरकार बदलने के बाद अब राजस्थान में सियासी पारा फिर हाई हो गया है. सचिन पायलट इस समय दिल्ली में राहुल गांधी के आवास पर राहुल और प्रियंका गांधी के साथ बैठक कर रहे हैं. इस बैठक में गहलोत सरकार के मंत्री रघु शर्मा भी शामिल हैं. जयपुर में विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से लम्बी मंत्रणा के बाद सचिन पायलट के दिल्ली में राहुल गांधी के आवास पर पहुँचने के साथ ही राजस्थान का सियासी पारा हाई हो गया है.
राजस्थान में पायलट और गहलोत के बीच सियासी घमासान थमा नहीं है. फर्क इतना हुआ है कि गहलोत समर्थक कहने लगे हैं कि राजस्थान में नेतृत्व बदलने की ज़रूरत नहीं है और पायलट समर्थक कहने लगे हैं कि कांग्रेस आलाकमान को अब सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बना देना चाहिए.
कांग्रेस आलाकमान ने पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस्तीफ़ा देने को मजबूर किया तो कैप्टन ने सार्वजनिक तौर पर कह दिया कि राहुल और प्रियंका मेरे बच्चो की तरह हैं मगर दोनों के पास अनुभव की कमी है. सलाहकार भी उनके अच्छे नहीं हैं. कैप्टन के बयान को लेकर आज गहलोत ने कैप्टन को मशविरा दिया तो कैप्टन ने यह कहते हुए गहलोत को लताड़ लगाई कि तुम अपना राजस्थान संभालो.
राजस्थान में भी सियासी हालात कमोवेश पंजाब जैसे ही हैं. पंजाब में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के बीच 36 का रिश्ता था तो राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद सचिन के पास था. कांग्रेस आलाकमान हालांकि गहलोत के साथ खड़ा नज़र आया लेकिन सचिन पायलट ने न कांग्रेस छोड़ी न आलाकमान पर कोई टिप्पणी की. तो ज़ाहिर है कि उन्हें लेकर कांग्रेस आलाकमान के मन में कोई दुराव नहीं है.
कांग्रेस आलाकमान अशोक गहलोत को हटाना तो नहीं चाहता है लेकिन सचिन पायलट और उनके समर्थकों को भी सरकार और संगठन में सम्मानजनक भागीदारी देना चाहता है. आज की बैठक में यह तय हो सकता है कि राजस्थान कांग्रेस और सरकार में सचिन पायलट की हैसियत क्या होगी.
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राजस्थान में गहलोत गुट हालांकि सचिन के खिलाफ मोर्चा खोल चुका है लेकिन वह खुद भी यह बात जानता है कि सचिन पायलट की बात कांग्रेस आलाकमान सुनता है. आज की बैठक राजस्थान की सियासत का रुख स्पष्ट करने वाली हो सकती है.