न्यूज डेस्क
लोकसभा चुनाव के नतीजे आते ही प्रदेश में एक बार फिर चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई है। यह तैयारी उपचुनावों की हैं। इस बार उत्तर प्रदेश में 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होगा।
लोकसभा चुनाव में बीजेपी को प्रचंड जीत दिलाने में अहम योगदान निभाने वाले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की इन उपचुनाव में कड़ी परीक्षा होगी।
माना जा रहा है बीएसपी पहले की तरह इस बार भी उपचुनाव में नहीं लड़ेगी, ऐसे में समाजवादी पार्टी उपचुनाव में उसका साथ मिल सकता है।
गौरतलब है कि बीजेपी के आठ विधायक चुनाव जीत कर सांसद बने हैं। साथ ही अपना दल, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के एक-एक विधायक सासंद बन कर दिल्ली की ओर चल पड़े है, जिसके बाद उनकी सीटों पर छह महीने के भीतर उपचुनाव होंगे।
बीजेपी ने कानपुर गोविंद नगर से विधायक और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री सत्यदेव पचौरी को कानपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीते हैं। लखनऊ कैंट की विधायक और योगी सरकार में मंत्री रीता बहुगुणा जोशी रीता बहुगुणा जोशी इलाहाबाद सीट से चुनाव जीती हैं, जिसके बाद यहां भी उपचुनाव होना तय है।
आगरा टूंडला से विधायक एसपी सिंह बघेल आगरा लोकसभा सीट से जीत गए हैं। इसके अलावा कैराना सहारनपुर के गंगोह विधानसभा से बीजेपी विधायक प्रदीप कुमार कैराना से सांसद चुने गए, जिसके बाद गंगोह विधानसभा में उपचुनाव होना तय है।
चित्रकूट के मानिकपुर विधायक आर के सिंह पटेल बाँदा से सांसद चुने गए है। वहीं, बाराबंकी जैतपुर के विधायक उपेंद्र सिंह रावत बाराबंकी के सांसद निर्वाचित हुए हैं। बहराइच जिले की बहला सीट से बीजेपी विधायक अक्षयवर लाल गोंड बहराइच लोक सभा सीट से जीत कर सांसद बने हैं। अलीगढ़ इगलास क्षेत्र के विधायक राजवीर सिंह दिलेर हाथरस लोकसभा सीट से सांसद चुने गए हैं। इन सीटों पर उपचुनाव होंगे।
साथ ही प्रतापगढ़ से अपना दल विधायक संगम लाल गुप्ता प्रतापगढ लोकसभा सीट से सांसद बने हैं, जिसके बाद यहां भी उपचुनाव होगा।
इसके अलावा समाजवादी पार्टी के बड़े नेता आजम खान रामपुर से सांसद चुन लिए गए हैं इसलिए वहां पर भी उपचुनाव होगा। ऐसी चर्चा है कि इस सीट से उनके बेटे अब्दुला आजम खान को टिकट मिल सकता है।
साथ ही जलालपुर से बसपा विधायक रितेश पाण्डेय भी लोकसभा चुनाव जीत कर दिल्ली कर राह पकड़ लिए हैं, जिसके बाद यहां पर भी उपचुनाव होगा।
कैबिनेट में फेरबदल भी संभव
योगी सरकार के तीन कैबिनेट मंत्रियों ने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर दिल्ली की ओर कदम बढ़ा दिया है। इन मंत्रियों को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। ऐसे में कैबिनेट में भी बदलाव की संभावनाएं बनेंगी। जाहिर है कि यह काम केंद्र सरकार के गठन के साथ ही शुरू हो जाएगा। सत्यदेव पचौरी के पास सूक्ष्म और लघु उद्योग विभाग के मंत्री हैं, जबकि रीता बहुगुणा जोशी के पास महिला कल्याण विभाग है। एसपी सिंह बघेल के पास मत्स्य विभाग है।