न्यूज़ डेस्क
पीएम नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद आज पूरा देश मिलकर जनता कर्फ्यू को सफल बनाने के प्रयास में लगा हुआ है और कोरोना वायरस से बहुत ही मजबूती से लड़ रहा है। लेकिन महामारी का रूप ले चुका कोविद 19 को रोकने के लिए आगे और भी प्रयास करना पड़ेगा, तभी इस पर विजय पाई जा सकती है।
माना जा रहा है कि कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए मोदी सरकार अगले हफ्ते से कुछ और कड़े कदम उठा सकती है। सूत्रों कि माने तो जनता कर्फ्यू के बाद सरकार की तैयारी 25 मार्च से 31 मार्च तक देशभर में व्यापक आवाजाही पर रोक लगाने की है।
जनता कर्फ्यू के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि आने वाले दिनों में भी जनता कर्फ्यू के लिए तैयार रहें। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोरोना के 27 में से 11 मरीज ठीक हुए हैं।सीएम योगी का ये बयान इस बात का संकेत है कि जनता कर्फ़्यू जैसा कुछ बड़ा कदम राज्य सरकार और केंद्र सरकार उठा सकती है
एक तरह से पूरे देश में धारा 144 लगाई जा सकती है, हालांकि इसकी अधिकृत घोषणा करने की बजाय जनता कर्फ्यू और जनता की सहभागिता से जोड़ा जाएगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में भी इस मुद्दे पर चिंता जाहिर की गई। इसमें विभिन्न राज्यों से मिले इनपुट और केंद्र की तैयारियों को लेकर आगे की रणनीति पर विचार किया गया।
सूत्रों के अनुसार, सरकार अगले सप्ताह के शुरुआती एक-दो दिनों में संसद में बजटीय कामकाज को निपटा कर संसद सत्र भी स्थगित कर सकती है। हालांकि, वह इससे देशभर में घबराहट का संदेश नहीं देना चाहती है।
इसलिए स्थिति की समीक्षा कर फैसला किया जाएगा। इस बीच केंद्रीय एजेंसियों ने पूरे देश में अपने स्तर पर कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए कमान संभाल ली है।
गांव-गांव पहुंचकर तैयारी
राज्यों की इकाइयां भी उसके साथ सहयोग कर रही हैं। गांव-गांव तक पहुंचकर तैयारी की जा रही है। खासकर शहरों से गांव की तरफ पलायन कर रहे लोगों पर ज्यादा नजर रखी जा रही है। सरकार को इस बात का भी डर है कि अगर गांव में यह संक्रमण किसी तरह पहुंच गया तो हालात संभालने मुश्किल होंगे।
शहरी क्षेत्रों में ज्यादा जटिल स्थितियों को देखते हुए जटिल सरकार जनता और गैर सरकारी संगठनों की मदद से व्यापक नेटवर्क बना रही है, जिसमें लोग कम से कम बाहर निकलें और जनता कर्फ्यू एवं अन्य दिनों में एक दूसरे घर मिलने जाने से भी बचें।
सुरक्षा बलों को भी सतर्क किया
सरकारी दफ्तरों में ज्यादातर कामकाज दफ्तरों में पहुंचने के बजाय ऑनलाइन किया जा रहा है, जिसमें लगे कर्मचारी घर से ही कामों को पूरा कर रहे हैं। मार्च में वित्तीय कामकाज को देखते हुए केवल उससे जुड़े लोगों को ही ज्यादा छूट नहीं मिल पा रही है, लेकिन अन्य संस्थाओं के लिए ज्यादा दिक्कत नहीं है।
सूत्रों के अनुसार सरकार ने सुरक्षा बलों को भी सतर्क कर रखा है कि आपात स्थिति में जरूरत पड़ने पर उनको भी उतारा जा सके। हालांकि अभी तक व्यापारी संगठनों और आम जनता से जो प्रतिक्रिया मिल रही है उससे सामान्य आवाजाही पर अगले एक हफ्ते में प्रभावी रोक लगाए जाने की संभावना है।
सबसे बड़ी दिक्कत शहरों में उन लोगों को लेकर है जिनके पास अब या तो काम नहीं है या उनके अपने राज्यों को लौटने की बेचैनी है। इससे निपटने के लिए सरकार रणनीति बना रही है और एक-दो दिन में ऐसे सामने लाया जा सकता है।