जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. गाज़ियाबाद की कामाक्षी शर्मा ने अपनी मेहनत के दम पर ऐसा कारनामा अंजाम दिया कि उसे वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकार्ड में जगह मिली और उत्तर प्रदेश का नाम पूरी दुनिया में रौशन हुआ. कामाक्षी साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए पूरे देश में ज़बरदस्त अभियान चला रही हैं. उन्होंने जम्मू कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक करीब 50 हज़ार पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दी. ट्रेनिंग लेने वालों में आईपीएस अधिकारी भी शामिल हैं.
गढ़वाल यूनीवर्सिटी से साल 2017 में कम्प्यूटर साइंस में बीटेक करने वाली कामाक्षी शर्मा साइबर क्राइम की एक्सपर्ट हैं. बीटेक करने के बाद कामाक्षी ने नौकरी की तलाश करने के बजाय लोगों को साइबर ठगी से बचाने के लिए देश को जागरूक करने का बीड़ा उठाया.
साइबर क्राइम के सम्बन्ध में लोगों खासकर पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग देने के लिए घर से निकली कामाक्षी शर्मा ने शुरुआत जम्मू कश्मीर से की. इसके बाद तो पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कन्याकुमारी में करीब 50 हज़ार पुलिसकर्मियों को ट्रेंड कर दिया.
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कामाक्षी शर्मा के काम को न सिर्फ देश में सम्मान मिला बल्कि विदेशों से भी उनके पास काल आने लगी कि हमारे देश के पुलिसकर्मियों को साइबर क्राइम की ट्रेनिंग दे दीजिये. लोगों की भलाई की बात दिमाग में रखकर रात-दिन काम करने वाली कामाक्षी शर्मा का नाम पहले इंडिया बुक ऑफ़ रिकार्ड में दर्ज हुआ. इसके बाद एशिया बुक ऑफ़ रिकार्ड में भी उनका नाम आ गया. अब वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकार्ड में भी कामाक्षी शर्मा का नाम दर्ज हो गया है.