जुबिली न्यूज डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और आसपास के राज्यों में फैले प्रदूषण पर गहरी चिंता जाहिर की थी। दिल्ली का एक्यूआई लेवल इतना बढ़ गया है कि सांस लेना भी मुश्किल है। हर सांस प्रदूषण का धुआं फेफड़ों में जाता है। केवल दिल्ली में ही नहीं आसपास के कई राज्यों की आबोहवा भी खराब हो गई है। जयपुर की हवाओं में भी जहर घुला हुआ है। यहां का एक्यूआई लेवल भी खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
जयपुर में भी दिल्ली की तरह स्मॉग फैलता जा रहा है। सुबह से लेकर दोपहर तक और फिर शाम चार बजे से लेकर देर शाम तक आसमान में स्मॉग की चादर सी फैली नजर आती है। लोगों को देखने से ऐसा लगता है कि यह कोहरे की चादर है लेकिन यह कोहरा ना होकर स्मॉग है जो प्रदूषण के बढ़ने का प्रमाण है।
बुधवार 20 नवंबर को शहर के अलग अलग क्षेत्रों में एक्यूआई लेवल 200 से 300 तक पहुंच गया। केवल जयपुर ही नहीं बल्कि राजस्थान के कई शहरों का एक्यूआई लेवल बढ़ गया है। कई शहरों में एक्यूआई लेवल 250 से 400 तक पहुंच गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण की ऑनलाइन डाटा मॉनिटरिंग के अनुसार जयपुर में पिछले पांच दिन में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। यह मध्य श्रेणी से बढ़कर बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया है। 16 नवंबर को जयपुर शहर का एक्यूआई लेवल 188 रिकॉर्ड किया गया जबकि 17 नवंबर को बढ़कर 189 हो गया। 18 नवंबर को 210, 19 नवंबर को 220 तक पहुंच गया। बुधवार 20 नवंबर को औसत एक्यूआई लेवल 251 रहा। जयपुर के सीतापुरा, मानसरोवर और मुरलीपुरा में पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर 400 को पार कर गया जो कि गंभीर श्रेणी में आता है।
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जयपुर में प्रदूषण का असर इतना बढ़ चुका है कि रोज 10 से 15 सिगरेट पीने के बराबर का धुंआ हमारी सांसों में गुल रहा है। पर्यावरणविदों का मानना है कि अगर एक्यूआई 500 या उससे अधिक है तो इसका मतलब यह है कि प्रदूषण का स्तर गंभीर हो गया है। एक्यूआई लेवल 500 तक पहुंचने का मतलब यह है कि रोज हमारी सांसों में 30 से ज्यादा सिगरेट का धुंआ जा रहा है।