न्यूज़ डेस्क
आज करीब साढ़े सात साल बाद निर्भया को इंसाफ मिल गया। निर्भया के दोषियों को दिल्ली के तिहाड़ जेल में आज सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दे दी गई। दोषियों को फांसी दिए जाने तक आज पूरा देश जाग रहा था तो वहीं निर्भया की मां आशा देवी सालों बाद आज सुकून की नींद सोयेंगी।
दोषियों को फांसी दिए जाने के बाद निर्भया की मां ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि आखिरकार न्याय हुआ और अब महिलाएं सुरक्षित महसूस करेंगी। भारत की बेटियों के लिए न्याय की खातिर उनकी लड़ाई जारी रहेगी। ‘हम उच्चतम न्यायालय से दिशा निर्देश जारी करने का अनुरोध करेंगे ताकि भविष्य में अपराधी बचाव के लिए किसी तरह की तिकड़म न अपना सकें।’
उन्होंने कहा कि दोषियों को फांसी मिलने के बाद अब महिलाएं निश्चित रूप से खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी। कई बार अलग अलग आधार पर डेथ वार्रेंट को टाला गया लेकिन अंतत: उन्हें न्याय मिला। ‘इस फांसी के बाद निश्चित रूप से महिलाओं को सुरक्षा का अहसास होगा और अब अभिभावक भी अपने बेटों को महिलाओं के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करने के लिए कहेंगे।
उन्होंने कहा ‘संविधान और न्याय व्यवस्था में हमारा विश्वास हिल गया था लेकिन विश्वास बहाल हो गया। यह फांसी अपराधियों को कड़ी चेतावनी देगी कि वे इस तरह के अपराध करने की हिम्मत न करें।’ भावुक होकर आशा देवी ने कहा ‘अब मेरी बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी।’
उन्होंने कहा पूरी रात हम सो नहीं सके। रात भर उच्च न्यायालय से लेकर उच्चतम न्यायालय तक दौड़ते रहे। लेकिन अंत: वह घड़ी आ ही गई। अब बलिया में हमारे गांव में होली खेलेंगे।’ वहीं निर्भया के पिता ने कहा कि ‘न्याय के लिए हमारा इंतजार बेहद पीड़ादायी था। हम अपील करते हैं कि आज का दिन निर्भया ‘न्याय दिवस’ के तौर पर मनाया जाए।’