- नेपाल ने रोका बांध का मरम्मत कार्य
- चीन के शह पर नेपाल दिखा रहा है भारत को आंख
जुबिली न्यूज डेस्क
चीन, पाकिस्तान और नेपाल। तीनों देश आए दिन भारत को किसी न किसी मसले पर परेशान किए हुए हैं। अभी चीन-भारत सीमा पर चल रहा विवाद थमा नहीं कि नेपाल ने भारत की मुश्किलें बढ़ा दी है। नेपाल ने बिहार के चंपारण क्षेत्र स्थित एक बांध की मरम्मत कार्य पर रोक लगाते हुए वहां के पांच सौ मीटर भूखंड पर अपना दावा किया है।
पिछले काफी समय से भारत और नेपाल के बीच संबंध सामान्य नहीं है। भारत और नेपाल के बीच लिपुलेख, कालापानी व लिंपियाधुरा के सीमा विवाद का मसला अभी सुलझा नहीं कि अब बिहार के चंपारण में पांच सौ मीटर जमीन पर नेपाल का दावा पेश करने से दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ गया है।
जिस भूखंड पर नेपाल ने अपना दावा पेश किया है, दरअसल यह बांध नेपाल से आने वाली ललबकेया नदी पर पहले से ही है।
ये भी पढ़े : गूगल की मदद से कैसे 40 साल बाद अपनों के बीच पहुंची पंचुबाई
ये भी पढ़े : तालाबंदी में खुला सेहत का ताला
ये भी पढ़े : 6 साल में 18 मुलाकातों के बाद भारत को हासिल क्या है ?
नेपाल का कहना है कि यह बांध उसकी जमीन पर बनाया जा रहा है। नेपाल के विरोध के बाद बिहार के सिंचाई विभाग ने भारतीय क्षेत्र में काम रोक दिया है। पूर्वी चंपारण जिला प्रशासन ने घटना की जानकारी नेपाल में भारतीय महावाणिज्य दूतावास सहित केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकार को दे दी है।
2017 की बाढ़ में टूट गया था बांध
जिस बांध के मरम्मत कार्य पर नेपाल ने रोक लगाया है वह 2017 में आई भीषण बाढ़ में टूट गया था। सिंचाई विभाग के इंजीनियर बबन सिंह ने बताया कि ललबकेया नदी का पश्चिमी बांध 2017 में आयी बाढ़ से टूट गया था। इसकी मरम्मत पर नेपाल ने आपत्ति जताई, जिसके बाद काम रोक दिया गया। बांध बन जाए तो पूर्वी चंपारण जिले के ढाका और पताही में बाढ़ की रोकथाम करना संभव होगा।
भारत के सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) व पूर्वी चंपारण जिला प्रशासन के अनुसार यह विवाद भारत- नेपाल सीमा पर पीलर संख्या 345/5 और 345/7 के बीच के पांच सौ मीटर के भूखंड को लेकर है। नेपाल बांध को लेकर जब भी आपत्ति करता था, भारत व नेपाल के अधिकारी बातचीत से मामला सुलझा लेते थे, लेकिन इस बार दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव के बीच ऐसा संभव नहीं हो सका।
दरअसल नेपाल के इस कदम के पीछे चीन का शह माना जा रहा है। जानकारों का मानना है कि नेपाल चीन की शह पर भारत को आंखें गुरेर रहा है।
ये भी पढ़े : अब पीपीएफ के ब्याज दर में कटौती की तैयारी!
ये भी पढ़े : फ्रांस में मजदूर क्रांति : कॉरपोरेट भारतीय मीडिया के लिए यह खबर नहीं!
हालिया तनाव का दिख रहा बिहार की सीमा पर असर
लिपुलेख, कालापानी व लिंपियाधुरा के कारण दोनों देशों के बीच उपजे तनाव का असर बिहार-नेपाल सीमा पर भी स्पष्ट दिख रहा है। हाल ही में बिहार के सीतामढ़ी के कुछ ग्रामीणों को नेपाल पुलिस ने बंधक बनाकर पीटा तथा उनपर गोलीबारी की। घटना में एक भारतीय की मौत हो गई। पूर्वी चंपारण से सटे नो मेंस लैंड पर नेपाल में कोरोना से मरे लोगों के अंतिम संसकार की खबरें भी मिलती रहीं हैं। अब नेापल ने बांध की मरम्मत भी रोक दी है।