जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। कानपुर मेट्रो के प्रॉयरिटी सेक्शन का काम शुरू करने की तैयारी की जा रही है। हालांकि कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट करीब तीन साल लेट हो चुका है। 4 अक्टूबर 2016 को कानपुर मेट्रो कार्य का भव्य शिलान्यास समारोह ब्रजेन्द्र स्वरूप पार्क में किया गया था।
केंद्र सरकार से एनओसी न मिलने के कारण प्रोजेक्ट करीब 30 महीने तक लटका रहा। जिससे शिलान्यास समारोह के साथ शुरू हुआ पॉलीटेक्निक मेट्रो डिपो का काम भी अभी तक पूरा नहीं हो सका है।
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केंद्र सरकार की एजेंसी राइट्स ने कानपुर मेट्रो की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने का काम 2015 में शुरू किया था। राइट्स ने आईआईटी से फूलबाग होते हुए नौबस्ता और सीएसए से बर्रा-8 तक के मेट्रो दौड़ाने की डीपीआर बनाई है। इस प्रोजेक्ट पर करीब 14 हजार करोड़ रूपए खर्च आने का अनुमान लगाया गया था।
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29 मार्च 2016 को यह डीपीआर केंद्र सरकार को सौंप दी गई थी। इससे पहले राज्य सरकार ने डीपीआर पास करने के लिए 50 करोड़ रुपए भी इस प्रोजेक्ट को दिए थे। 4 अक्टूबर 2016 को कानपुर मेट्रो कार्य का शिलान्यास समारोह भी आयोजित किया गया।
तत्कालीन सेंट्रल अरबन डेवलपमेंट मिनिस्टर व मौजूदा उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, तत्कालीन यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व सांसद डा.मुरली मनोहर जोशी ने प्रोजेक्ट कार्य का शिलान्यास किया था।
शिलान्यास के साथ ही लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने पॉलीटेक्निक में मेट्रो डिपो बनाने का काम शुरू कर दिया। उस समय एलएमआरसी ने आईआईटी से मोतीझील के बीच का काम दो साल में पूरा करने के दावे किए थे। लेकिन क्या हुआ ये आप से छिपा हुआ तो नहीं है।
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शिलान्यास के बाद अब तीसरा वर्ष भी बीतने वाला है, लेकिन अभी तक मेट्रो नहीं दौड़ सकी है। इस बीच कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट दो बार रिवाइज भी किया गया। अब 734 करोड़ लागत से आईआईटी से मोतीझील तक एलीवेटेड वायाडक्ट व 9 मेट्रो स्टेशन बनाने का काम एफकांस इंफ्रास्ट्रक्चर करेगी।
वर्क आर्डर मिलने के बाद से कम्पनी की टीम शहर में डेरा डाले हुए हैं। एलएमआरसी के मुताबिक जल्द आईआईटी से कल्याणपुर के बीच पाइलिंग (पिलर) का काम शुरू किया जाएगा। इसके लिए मशीनें भी आ चुकी है।
कानपुर मेट्रो का सफर
- 3 फरवरी, 2015 में बनाया गया था डीपीआर
- 29 मार्च, 2016 को केंद्र सरकार को सौंपी गई डीपीआर
- 4 अक्टूबर, 2016 को तत्कालीन सीएम, केंद्रीय मंत्री ने किया शिलान्यास
- 6 फरवरी, 2018 को 734 करोड़ से प्रॉयरिटी सेक्शन बनाने के टेंडर हुए
- 14 दिसंबर, 2018 को यह टेंडर कैंसल कर दिए गए
- 2019 में 2 बार रिवाइज की गई डीपीआर केंद्र सरकार ने पास की
पहला कॉरिडोर- आईआईटी से नौबस्ता
लंबाई- 23.785 किलोमीटर
मेट्रो स्टेशन- 22
दूसरा कॉरिडोर- सीएसए से बर्रा-8
लंबाई- 8.600 किलोमीटर
मेट्रो स्टेशन- 8