जुबिली न्यूज डेस्क
असम में नागरिकता कानून के विरोध का प्रमुख चेहरा रहे अखिल गोगोई एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार वह किसी आंदोलन को लेकर बल्कि किसी और वजह से चर्चा में है।
दरअसल असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि वह विधानसभा में अखिल गोगोई को एंट्री नहीं दे सकते, क्योंकि उनका मानसिक स्वास्थ्य का इलाज चल रहा है। इसलिए वह वर्तमान में विधानसभा सत्र में भाग लेने के लिए अयोग्य हैं।
मुख्यमंत्री के इस टिप्पणी पर गोगोई की पार्टी की प्रतिक्रिया आई है। पार्टी ने कहा है कि मुख्यमंत्री सरमा की टिप्पणी अपमानजनक है और विधायक के विशेषाधिकार का उल्लंघन है।
अखिल गोगोई रायजोर दल के अध्यक्ष है और वर्तमान में शिबसागर से नवनिर्वाचित विधायक हैं।
मुख्यमंत्री सरमा ने अखिल को विधानसभा सत्र में हिस्सा लेने की इजाजत देने की विपक्षी कांग्रेस की मांग को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसी के खिलाफ कोई नकारात्मक नजरिया नहीं रखा है।
मालूम हो कि हिमंत विस्व सरमा और अखिल में छत्तीस का आंकड़ा है। हिमंत को वे फूटी आंखों नहीं सुहाते।
कानून के विरोध में चले आंदोलन में पांच प्रदर्शनकारियों की पुलिस फायरिंग में मौत हो गई थी। इन्हीं प्रदर्शनों के बीच एनआइए ने उन्हें दिसंबर 2019 में यूएपीए कानून के तहत गिरफ्तार कर लिया था।
उल्लेखनीय है कि हिमांत और अखिल में छत्तीस का आंकड़ा है। हिमांत को वे फूटी आंखों नहीं सुहाते।
दिसंबर 2019 से गिरफ्तार हैं गोगोई
अखिल गोगोई नागरिकता कानून के विरोध का प्रमुख चेहरा रहे हैं। कानून के विरोध में चले प्रशासनिक अधिकारियों में पांच प्रदर्शनकारियों की पुलिस फायरिंग में मौत हो गई थी। इन्हीं प्रदर्शनों के बीच एनआइए ने उन्हें दिसंबर 2019 में यूएपीए कानून के तहत गिरफ्तार कर लिया था।
गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल (जीएमसीएच) में कई बीमारियों का इलाज करा रहे 45 वर्षीय गोगोई को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की अदालत ने शुक्रवार को आयोजित नए विधायकों के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने की अनुमति दी।
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शपथ लेने के बाद अखिल गोगोई ने विधानसभा अध्यक्ष से पूरे सत्र में उन्हें हिस्सा लेने की अनुमति देने का अनुरोध किया। इससे पहले गोगोई ने जीएमसीएच से विधानसभा लाए जाने के दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर हाथापाई का आरोप लगाया था।
‘मानसिक बीमारी का इलाज करा रहे गोगोई’
मुख्यमंत्री हिमंत विस्व सरमा ने नई विधानसभा के पहले सत्र के आखिरी दिन कहा “आखिर एक मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति को विधानसभा सत्र में भाग लेने की अनुमति कैसे दी जा सकती है? गोगोई का पिछले चार महीने से जीएमसीएच में इलाज चल रहा है। वह मनोवैज्ञानिक दिक्कतों, इमोशनल इंबैलेंस और मानसिक समस्याओं का इलाज करवा रहे हैं”।
उन्होंने कहा कि जब गोगोई शपथ लेने के लिए पहले दिन विधान सभा में आये को वह कोविड प्रोटोकॉल भूल गए। वो हाउस के भीतर एक डेस्क से दूसरी डेस्क पर जाकर सभी से मुलाकात करने लगे। अगर वह कहते हैं कि वह बीमार नहीं है, तो उन्हें जेल में होना चाहिए और अगर वह बीमार हैं तो उन्हें सभा में नहीं होना चाहिए।
सरमा को जवाब देते हुए रायजोर दल के कार्यकारी अध्यक्ष भास्को डी सैकिया ने कहा “सीएम ने हमारे पार्टी अध्यक्ष के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। सरमा गोगोई की बराबरी नहीं कर सकते और इसलिए यह सुनिश्चित करने में लगे हैं कि गोगोई विधानसभा में भाग न ले सकें”
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