जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। दो हजार के नोट को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है। जानकारी के मुताबिक यह नोट दो साल से एक भी नोट छापा नहीं जा रहा है। इस वजह से नोट भी बाजार से गायब नजर आ रहा है और इसकी संख्या में भारी कमी भी देखी जा सकती है। ऐसे में आम लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं आखिर बाजार में 2000 रुपये के नोट क्यों कम नजऱ आते हैं इसको लेकर सरकार का जवाब भी सामने आ रहा है।
वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि विशेष मूल्यवर्ग के बैंक नोटों की छपाई का निर्णय सरकार द्वारा रिजर्व बैंक के परामर्श से जनता की लेनदेन संबंधी मांग को सुविधाजनक बनाने के लिए वांछित मूल्यवर्ग के नोटों की उपलब्धता को बनाए रखने के लिए किया जाता है।
सरकार ने यह भी बताया है कि इस साल नवंबर में बाजार प्रचलन वाले 2,000 रुपये के नोटों की संख्या घटकर 223.3 करोड़ नोट या कुल नोटों (एनआईसी) का 1.75 प्रतिशत रह गई। वहीं, 2018 के मार्च में यह संख्या 336.3 करोड़ थी। यही वो वजह है कि 2000 रुपये के नोट इन दिनों आपके हाथ में कम आते हैं।
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एक न्यूज एजेंसी की खबर के अनुसार चौधरी ने संसद में बताया है कि वर्ष 2018-19 से नोट के लिए करेंसी प्रिंटिंग प्रेस के पास कोई नया मांगपत्र नहीं रखा गया है। उन्होंने कहा, ‘‘नोटबंदी के बाद जारी किए गए 2,000 रुपये के नोट के प्रचलन में कमी इसलिए है क्योंकि वर्ष 2018-19 से इन नोटों की छपाई के लिए कोई नया मांगपत्र नहीं रखा गया है। इसके अलावा, नोट भी खराब हो जाते हैं क्योंकि वे गंदे/कटे-फटे हो जाते हैं।
बता दें कि इससे पहले साल 2016 में 500 और 1000 रुपये के नोट को एकाएक बंद कर दिया गया था। इसके बाद सरकार ने 500 रुपए के नए नोट और 2 हजार रुपए के नोट भी जारी किया था।
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इसके आलावा सरकार ने 10, 20, 50 और 100 रुपये का नया नोट भी सामने ला चुकी है। अब दो हजार के नोट के न छपने से आम लोगों को एक बार फिर इस बात का डर सता रहा है कि सरकार कही दो हजार का नोट बंद न कर दे।