जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. झारखंड के गढ़वा जिले में एक दरवाजे पर भिक्षा लेने पहुंचे जोगी को एक महिला ने पहचान लिया और कहा कि वो उसका पति है. उसका नाम उदय है. महिला का शोर सुनकर गाँव में हड़कम्प मच गया. देखते ही देखते पूरा गाँव जमा हो गया. जिसे 22 साल पहले ही मरा हुआ मान लिया गया था वह सही सलामत सामने खड़ा था.
दरअसल 22 साल पहले उदय अचानक से अपने परिवार को छोड़कर सन्यासी बन गया था. घर वालों ने उसे हर संभावित जगह पर तलाश किया लेकिन उसकी कोई खबर नहीं लगी. थक-हारकर घर वाले बैठ गए. सभी ने यह मान लिया कि उदय की कहीं दुर्घटना हो गई है और वह अब इस संसार में नहीं है. उदय की पत्नी ने अपनी बेटी और बेटे का पालन-पोषण एक विधवा के रूप में बहुत मुश्किल से किया.
कष्ट भरी ज़िन्दगी जब पटरी पर फिर से चलने लगी थी तब अचानक उसका पति सही-सलामत उसके दरवाज़े पर उसी से भिक्षा मांगने पहुँच गया तो उसे लगा जैसे उसके जीवन में चमत्कार हो गया है. बाबा गोरखनाथ के शिष्य के रूप में उदय सारंगी पर भजन गाते हुए अपने दरवाज़े पर पहुँच गया. पति को सामने पाकर पत्नी दहाड़ें मार-मार कर रोई. उदय के पाँव पकड़कर घर लौट आने को कहा. पूरा गाँव जमा हो गया. सबने मिन्नतें कीं मगर उदय घर में घुसने को तैयार नहीं हुआ.
जोगी में बदल चुके उदय का कहना है कि पत्नी से भिक्षा लिए बगैर उसे सिद्धि प्राप्त नहीं होगी. इसी वजह से वह अपने दरवाज़े पर आया है. उसने अपनी पत्नी से कहा कि उसे भिक्षा देकर विदा कर दो मगर वह उसे भिक्षा देने को राजी नहीं हुई.
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पत्नी से भिक्षा हासिल कर सिद्धि प्राप्त करने की आस में उदय कांडी में डिग्री कालेज में रुका हुआ है. पूरा गाँव बाबा गोरखनाथ के धाम में यज्ञ और भंडारा कराने के लिए चंदा जुटाने में लगा है. गोरखनाथ धाम में भंडारा और यज्ञ कराकर गाँव के लोग यह कोशिश करेंगे कि उदय को जोगी रूप से मुक्त कर दिया जाए ताकि वह अपने परिवार के साथ रह सके.