जुबिली स्पेशल डेस्क
अफगानिस्तान में तालिबान ने कब्जा कर लिया और वहां पर नई सरकार का गठन भी कर लिया गया है लेकिन पंजशीर को लेकर अभी तस्वीर साफ होती नजर नहीं आ रही है। हालांकि पहले कहा जा रहा था कि तालिबान ने वहां पर भी अपना कब्जा जमा लिया है लेकिन अब भी वहां पर लड़ाई देखने को मिल रही है।
इसका ताजा उदाहरण तब देखने को मिला जब अमरुल्लाह सालेह के बड़े भाई रोहुल्लाह सलेह की तालिबान ने मौत की नींद सुला डाली है। जानकारी मिल रही है कि रोहुल्लाह सलेह को पहले तालिबान ने टॉर्चर किया और उसके बेरहमी से उनकी हत्या कर डाली है।
पूरा मामला पंजशीर का बताया जा रहा है जहां अब भी संघर्ष देखने को मिल रहा है। अफगानिस्तान से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार रात को तालिबान और नॉदर्न अलायंस के बीच जोरदार संघर्ष देखने को मिला है।
इसी दौरान अमरुल्लाह सालेह के बड़े भाई को मौत के घाट उतार दिया। बताया जा रहा है कि उनकी हत्या करने से पहले तालिबान के लड़ाकों ने रोहुल्लाह सलेह को काफी टॉर्चर किया था।
हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है और खुद अमरुल्लाह सालेह ने इसपर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन इतना तय है कि उनकी हत्या से आगे तालिबानक को गम्भीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं क्योंकि नॉर्दन अलायंस इसपर चुप बैठने वाला नहीं है।
यह भी पढ़े : त्रिपुरा में बीजेपी और सीपीएम के बीच हिंसक टकराव
यह भी पढ़े : करनाल में किसानों का प्रदर्शन जारी, मोबाइल-इंटरनेट सेवा रात 12 बजे तक बंद
यह भी पढ़े : भाजपा पर बरसे राजभर, कहा-बीजेपी की निकालूंगा अर्थी, राम नाम…
अमरुल्लाह सालेह का NRF और पंजशीर के लड़ाकों को खुला समर्थन दिया गया है. उनकी तरफ से कई मौकों पर तालिबान को खुली चेतावनी दी गई है. उन्होंने पूरी दुनिया से भी तालिबानी सरकार को मान्यता ना देने की अपील की है।
ये कोई पहला मौका नहीं है जो तालिबान ने ऐसा किया है। इससे पहले अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से पत्रकारों के लिए सच दिखाना काफी महंगा साबित हो रहा है। पत्रकारों के साथ तालिबान का रवैया काफी बुरा है।
पाकिस्तान तालिबान की मदद कर रहा है, यह किसी से छिपा नहीं है। लेकिन तालिबान नहीं चाहता कि पत्रकार इस पर से पर्दा हटाएं। यही कारण है कि अफगानिस्तान के मामलों में पाकिस्तानी हस्तक्षेप के खिलाफ काबुल में हुए विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे पत्रकारों पर तालिबान का कहर टूटा है और उसने न सिर्फ कई पत्रकारों को गिरफ्तार किया, बल्कि हिरासत में उन्हें कठोर यातनाएं भी दीं और बुरी तरह पीटा।