जुबिली स्पेशल डेस्क
काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान ने अपनी जड़े मजबूत कर ली है। इतना ही नहीं पूरे अफगानिस्तान में उसका कब्जा हो चुका है और वो वहां पर बहुत जल्द नई सरकार गठन करने की तैयारी में है।
हालांकि तालिबान के कब्जे के बाद से अफरातफरी का माहौल है। लोगों का देश छोडक़र जाने का सिलसिला जारी है। इस बीच तालिबान ने सरकार गठन की तैयारी तेज कर दी है।
भले ही तालिबान ने पूरे अफगानस्तिान में कब्जा करने का दावा कर रही है लेकिन पंजशीर अब भी तालिबान की पकड़ से दूर है। उधर तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोल चुके अमरुल्ला सालेह लगातार चुनौती दे रहे हैं।
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आलम तो यह है कि तालिबानी भी अब उनसे घबराते नजर आ रहे हैं और इसी के तहत तालिबान ने पंजशीर घाटी को लेकर बड़ा कदम उठाया है और वहां पर रविवार को तालिबान ने इंटरनेट बंद करवा दिया है।
इसके पीछे कहा जा रहा है कि अमरुल्ला सालेह को रोकने के लिए यह रणनीति बनायी गई और वो आगे कोई ट्वीट न कर सके। उन्होंने रविवार को ट्वीट करते हुए लिखा है कि Resistance, इसक मतलब होता है ‘प्रतिरोध’।
इससे पहले शनिवार को तालिबान ने दावा किया था कि उसके लड़ाके पंजशीर में घुस गए हैं, लेकिन अहमद मसूद ने इस दावे को खारिज कर दिया था। पंजशीर अफगानिस्तान का एकमात्र ऐसा प्रांत है जहां तालिबान पहुंच नहीं सका है।
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बताया जा रहा हैकि कई तालिबान विरोधी पंजशीर में जमा हैं और तालिबान को कड़ी चुनौती दे रहे है। अफगानी कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद और अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति रहे अमरुल्ला सालेह भी पंजशीर घाटी में है और तालिबानियों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।