जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. वरिष्ठ आरएसएस नेता और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के सर्वोसर्वा इन्द्रेश कुमार ने दावा किया है कि आतंकवाद को किसी धर्म से नहीं जोड़ा जा सकता. उन्होंने सरकार से मांग की कि आतंकवाद को किसी धर्म विशेष से जोड़े जाने की कोशिश करने को दंडात्मक अपराध घोषित किया जाए. उन्होंने कहा कि जाति और धर्म को आतंकवाद से जोड़ने का काम वही लोग करते हैं जो खुद आतंकवाद का प्रसार करते हैं.
इन्द्रेश कुमार नयी दिल्ली में आयोजित अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे. इस सम्मेलन का आयोजन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, विश्वग्राम और राष्ट्रीय सुरक्षा जागरूकता मंच द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था. वैश्विक आतंकवाद बनाम मानवता, शान्ति और संभावनाओं पर विमर्श शीर्षक से आयोजित इस सम्मेलन में उन्होंने कहा कि केन्द्र में जब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार थी तब उन्हें भगवा आतंकवाद में फंसाने के लिए उसने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी लेकिन क्योंकि आरोप गलत था इसलिए वह कामयाब नहीं हो पाई.
इस सम्मेलन में इन्द्रेश कुमार ने मांग उठाई कि सरकार आतंकवाद से जाति या धर्म को जोड़ने पर रोक लगाये और इसे क़ानून के तहत दंडात्मक अपराध घोषित करे. इस सम्मेलन में मांग की गई कि जाति और धर्म के नाम पर किसी का भी उत्पीड़न नहीं किया जाना चाहिए. ऐसा करने वाले को क़ानून के तहत दण्डित किया जाना चाहिए.
इस सम्मेलन के माध्यम से इन्द्रेश कुमार ने तमाम राजनीतिक दलों से अपील की कि वह वोटबैंक की राजनीति से ऊपर उठें और इस तरह के अपराध को ना कहें. उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार ने मेरे खिलाफ भगवा आतंकवाद का आरोप साबित करने के लिए पूरी सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल करते हुए 300 से 400 करोड़ रुपये खर्च किये लेकिन मेरे खिलाफ एक भी गवाह नहीं ला पाए.
इन्द्रेश कुमार ने कहा कि सरकार न तो मेरा नाम आरोपितों में साबित कर पाई और न ही गवाहों में मुझे शामिल कर पाई इसके बावजूद कहा जाता रहा कि इन्द्रेश कुमार भगवा आतंकवाद में लिप्त हैं. उन्होंने कहा कि अगर एक दूसरे धर्म का सम्मान किया जाए तो माब लिंचिंग और साम्प्रदायिक उन्माद को रोका जा सकता है. दंगों पर रोक लगाईं जा सकती है. उन्होंने धर्म के आधार पर लोगों को अल्पसंख्यकों और बहुसंख्यकों में बांटे जाने को भी गलत बताया.
पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि पिछले सात सालों में नरेन्द्र मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जो आदम उठाये हैं उससे हालात में बदलाव हुआ है. उन्होंने कहा कि दिल्ली, असम, जयपुर और पुणे में अब बम धमाकों की श्रंखला की खबरें नहीं सुनाई पडतीं. माओवादी हिंसा में भी कमी आई है. इस सम्मेलन में केन्द्रीय मंत्री जनरल वी.के.सिंह, केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान और कई विश्वविद्यालयों के कुलपति शामिल हुए.
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