जुबिली डेस्क
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अपने ऊपर लगे आरोप पर पहले दिन ही कहा था कि उनके खिलाफ साजिश रची गई है। और अब सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने दावा किया है कि सीजेआई के खिलाफ साजिश रची गई हैं। तो क्या सच में गोगोई साजिश के शिकार हुए हैं। इस मामले में अब नया मोड़ आ गया है। सुप्रीम कोर्ट के ही एक वकील ने दावा किया है कि सीजेआई रंजन गोगोई को बदनाम करने की साजिश रची गई ताकि वो इस्तीफा दे दें। इसके लिए उससे एक युवक ने संपर्क किया था और डेढ़ करोड़ रुपए का ऑफर दिया था कि इस मामले को लेकर प्रेस कांफ्रेंस करें।
सुप्रीम कोर्ट के वकील उत्सव बैंस ने दावा किया है कि सीजेआई पर एक महिला द्वारा लगाए गए यौन उत्पीडऩ के आरोप के मामले में उससे संपर्क किया गया था और कहा गया था वह प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में इस संबंध में प्रेस कांफ्रेंस करें। उत्सव ने कहा कि उन्होंने इससे इनकार कर दिया और इस मामले की जानकारी देने मुख्य न्यायाधीश के घर भी गए थे लेकिन वह मिले नहीं।
फेसबुक पर लिखी एक पोस्ट में उत्सव बैंस ने दावा किया, ‘आसाराम केस में पीडि़ता के लिए किए गए मेरे काम की उस युवक ने तारीफ की थी। जब मैंने उसके ऑफर को ठुकरा दिया तो उसने दावा किया कि वह उसका रिश्तेदार है, लेकिन वह एक ट्रेंड एजेंट लग रहा था। जब उससे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व महिला कर्मी के साथ रिश्ते के बारे में पूछा तो वह सही से जवाब नहीं दे पा रहा था और उसके बाद अचानक उसने मुझे ऑफर दिया कि अगर वह वकालत करते हैं तो इस मामले की फीस के रूप में 50 लाख रुपये देने को तैयार है। उस युवक ने फिर मुझे प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए कहा, लेकिन उसकी कहानी सच नहीं लगने पर मैंने मना कर दिया। जब मैंने दोबारा उसे मना कर दिया तो उसने मुझे 1.5 करोड़ रुपये का ऑफर दिया। इसके बाद मैंने उसे मेरे ऑफिस से चले जाने के लिए कहा।’
पड़ताल में लगा की सीजेआई के खिलाफ रची जा रही साजिश
वकील उत्सव बैंस ने कहा कि जब मैंने दिल्ली में विश्वसनीय सूत्रों से इस मामले के बारे में जांच पड़ताल की तो मुझे लगा कि यह सीजेआई से खिलाफ साजिश रची जा रही है, ताकि वह इस्तीफा दे दें। मुझे इस तरह की विश्वसनीय जानकारी मिलने के बाद एक सुनियोजित साजिश को लेकर आश्वस्त हो गया था।
वकील ने कहा कि इसके बाद मैं सीजेआई के निवास पर इस साजिश के बारे में बताने गया, लेकिन उनके स्टाफ ने बताया कि वह घर पर नहीं हैं।
क्या है मामला
मालूम हो कि मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ एक महिला ने यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाया था। सीजेआई पर आरोप लगने वाली महिला उच्चतम न्यायालय की पूर्व कर्मचारी है। उच्चतम न्यायालय के 22 न्यायाधीशों के आवास पर महिला के शपथपत्रों की प्रतियां भेजी गईं जो शनिवार को सार्वजनिक हो गईं। इसके बाद मामले में विशेष सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अपने ऊपर लगे यौन शोषण के आरोप को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि इन आरोपों का खंडन करने के लिए मुझे इतना नीचे उतरना चाहिए’। पीठ में न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और संजीव खन्ना शामिल थे।