जुबिली स्पेशल डेस्क
मणिपुर में महिलाओं की नग्न परेड की घटना के बाद से पूरे देश में गुस्सा है। इतना ही नहीं मणिपुर की घटना पर पूरा विपक्ष मोदी सरकार पर निशाना साध रहा है। संसद में इस पूरे मामले पर जमकर हंगामा देखने को मिल रहा है।
दूसरी ओर मणिपुर मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ काफी गुस्से में नजर आये। दरअसल सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को इसलिए गुस्सा आया जब महिला एडवोकेट ने पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ की घटनाओं का जिक्र कर कहा कि जैसे अदालत मणिपुर में महिलाओं की नग्न परेड की घटना को संजीदगी से ले रही है वैसे ही दूसरे सूबों में हुई वारदातों का संज्ञान भी लिया जाना चाहिए।
इतना सुनना था कि सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ का पारा चढ़ गया और काफी गुस्से में आ गए और कहा ये मामला बिलकुल अलग है। हम पश्चिम बंगाल या किसी दूसरे सूबे में हुई वारदात से इसको नहीं जोड़ सकते। मणिपुर में जो कुछ हुआ वो मानवता को शर्मसार करने वाला है।
सीजेआई के अनुसार मणिपुर का मामला दूसरे सूबों में हुई वारदातों से बिलकुल अलग है। हम इस आधार पर मणिपुर की घटना को सही नहीं ठहरा सकते कि दूसरे सूबों में भी ऐसी ही वारदातें हुई हैं। सीजेआई का कहना था कि हमारा दायित्व है कि उन दोनों महिलाओं को न्याय मिलना चाहिए।
इस पूरे मामले की सुनवाई सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच कर रही है। इस पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त सवाल सरकार से किये हैं।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि, “4 मई की घटना पर पुलिस ने 18 मई को एफआईआर दर्ज की। 14 दिन तक कुछ क्यों नहीं हुआ? वीडियो वायरल होने के बाद यह घटना सामने आई कि महिलाओं को नग्न कर घुमाया गया और कम से कम दो के साथ बलात्कार किया गया।