जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ. बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में पूर्व उप प्रधानमन्त्री लालकृष्ण आडवाणी और भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने खुद पर लगे सभी आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा है कि वह किसी भी घटना में शामिल नहीं थे. दोनों नेताओं ने सीबीआई द्वारा पेश अयोध्या में 6 दिसम्बर 1992 को रिकार्ड किये गए वीडियो कैसेट के बारे में कहा कि वीडियो कैसेट से छेड़छाड़ हुई है. उन्हें तत्कालीन केन्द्र सरकार द्वारा फंसाया जा रहा है.
लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि यह पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है. सीबीआई की विशेष अदालत में वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिये बयान दर्ज कराते हुए भाजपा के दोनों वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि जब बाबरी मस्जिद गिराई गई तब वह मौके पर मौजूद नहीं थे.
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आडवाणी और जोशी ने खुद को निर्दोष बताते हुए यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद कल्याण सिंह राम जन्म भूमि गए थे तब वहां उन्होंने मंदिर निर्माण का संकल्प नहीं दोहराया था. उस दौर में अखबारों में छपी खबरों के बारे में सीबीआई ने पूछा तो जोशी बोले कि वह फर्जी खबरें हैं. जोशी ने कहा कि वह बेगुनाह हैं. समय आने पर अपनी बेगुनाही के सबूत पेश करेंगे. सीबीआई ने साढ़े चार घंटे में एक हज़ार से ज्यादा सवाल पूछे लेकिन दोनों नेता इसी पर अड़े रहे कि उन्हें नरसिम्हा राव की सरकार ने साज़िश के तहत फंसाया.