जुबिली स्पेशल डेस्क
लोकसभा चुनाव के नतीजे से पहले ही इंडिया गठबंधन नई रणनीति पर काम करने लगा है। कांग्रेस से जुड़े सूत्र के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को एक बैठक बुलाई है।
बताया जा रहा है कि इस बैठक में इंडिया गठबंधन के सभी शीर्ष नेताओं को बुलाया गया है। इतना ही नहीं सभी ने इस बैठक में शामिल होने का निमंत्रण पर हामी भर दी है। इसके अलावा इस बैठक में ममता की पार्टी से एक सदस्या भी शामिल होगा।
कांग्रेस की मेजबानी में होने वाली इंडिया गठबंधन की बैठक में शरद पवार से लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती, नेशनल कॉफ्रेंस से फारुख अब्दुल्ला, डीएमके से तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, जेएमएम से सीएम चंपई सोरेन, कल्पना सोरेन और आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल शामिल होंगे।
उद्धव ठाकरे इस वक्त देश से बाहर है ऐसे में उनकी तरफ से उनकी पार्टी शिवेसना (यूबीटी) का कोई प्रतिनिधि शिरकत करेगा। कांग्रेस के बड़े नेताओं के भी इस बैठक में शामिल होने की संभावना है।
बताया जा रहा है कि इंडिया गठबंधन चुनावी नतीजों को देखते हुए सारे विकल्प को खुले रखना चाहता है और इंडिया गठबंधन में सभी दल एकजुट हो साथ में नए सहयोगी को इंडिया गठबंधन में शामिल करने को लेकर भी रणनीति बनायी जा रही है।
बैठक से पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है, ‘लोकसभा चुनाव 2024 में जीत मिलने के बाद इंडिया गठबंधन 48 घंटे के अंदर अपने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार तय कर लेगा।’ ऐसे में इंडिया गठबंधन में पीएम के नाम पर सहमति बनाने से ज्यादा नए छत्रपों को साथ लेने की जरूरत है ताकि सरकार बनाने वाली स्थिति बनती है तो फिर नंबर गेम में पीछे न रह जाए। बैठक से पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है, ‘लोकसभा चुनाव 2024 में जीत मिलने के बाद इंडिया गठबंधन 48 घंटे के अंदर अपने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार तय कर लेगा.’ ऐसे में इंडिया गठबंधन में पीएम के नाम पर सहमति बनाने से ज्यादा नए छत्रपों को साथ लेने की जरूरत है ताकि सरकार बनाने वाली स्थिति बनती है तो फिर नंबर गेम में पीछे न रह जाए।
कांग्रेस को पूरा भरोसा है कि नरेंद्र मोदी 4 जून के बाद प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे और इंडिया गठबंधन सरकार बनाने जा रहा है। राहुल गांधी से लेकर अखिलेश यादव हर जन सभा में ये कह रहे हैं कि एनडीए को बहुमत नहीं मिलेगा और मोदी अब पीएम नहीं रहेगे। इंडिया गठबंधन के रणनीतिकार भी मान रहे है कि इस बार के चुनाव में उन्हें उम्मीद से ज्यादा लोगों का समर्थन मिला है और 2004 की तरह सरकार बनाने वाली स्थिति उनकी बन सकती हैं।
वहीं कहा जा रहा है कि चुनावी नतीजे के बाद एनडीए भी टूट सकता है और उसके सहयोगी इंडिया गठबंधन का हिस्सा बन जाये तो इसमें किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए। इस वजह से इंडिया गठबंधन ऐसे दलों को अपनी तरफ करने की रणनीति बना रहा है।