न्यूज़ डेस्क।
पटना। सीएबी के सचिव आदित्य वर्मा ने बीसीसीआई के सीओए के मेल का स्वागत करते हुए माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश से गठित सीओए से पूछा है कि बिहार क्रिकेट संघ गोपाल वोहरा गुट के अयोग्यता पर बिहार क्रिकेट एसोसियेसन के प्रथम लोकपाल ने आपको 30 जनवरी 2018 को ही मेल भेज कर सूचित किया था कि बिहार क्रिकेट संघ मे चुनाव करा कर नई कमिटी बना दिया जाए, आपने तो कुछ नहीं किया लेकिन पटना हाई कोर्ट के अवकाश प्राप्त जज लोकपाल धरणीधर झॉ की कुर्सी बीसीए ने बदल कर दूसरे लोकपाल के रूप मे जस्टिस जेएन सिंह को लाया जब 2019 के मई मे ये लोकपाल महोदय ने बिहार क्रिकेट एसोसियेसन के वर्तमान सचिव को अयोग्य करार करते हुए बीसीसीआई को सुचित कर दिया तो उनकी भी कुर्सी चली गई।
सूचना के अधिकार के तहत बिहार सरकार के निबंधन विभाग से मिली जानकारी आपको उपलब्ध करा के कहा गया कि गोपाल वोहरा वाली बिहार क्रिकेट एसोसियेसन का निबंधन आज तक बिहार सरकार से नही हुआ है, झूठ का सहारा ले कर सीओए ने अनुमोदन का प्रमाण पत्र बीसीए ने ले ली है।
बीसीए के सचिव के साथ साथ 6 अभियुक्तो पर न्यूज 18 इन्डीया चैनल के स्टिंग ऑपरेशन क्लीन बोल्ड के बाद पटना के गांधी मैदान थाना मे एफआईआऱ दर्ज हुआ है जिसके जॉच मे तेजी के लिए पटना हाई कोर्ट ने भी 23 जुलाई को पटना पुलिस को जॉच मे तेजी ला कर कोर्ट मे रिपोर्ट देने को कहा है।
झूठ बोल कर 11 करोड़ के अनुदान बीसीए को मिल गया है, मै आपको इन तथ्यों की जानकारी दे कर अनुरोध कर रहा हू कि बिहार क्रिकेट के सफल संचालन के लिए बीसीसीआई एक ऐडहोक कमिटी बना दे। जब तक सुप्रीम कोर्ट से बिहार क्रिकेट के डिसपीयूट पर कोई अहम फैसला नही आ जाता है।