नई दिल्ली। क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के वकिल रजत सहगल, विकास मेहता तथा चंद्रशेखर वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश एस ए वोबडे के फुल बेंच मे बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारीयों के करतूतों को उजागर करते हुए बिहार क्रिकेट एसोसिएशसन के वर्तमान अवैध पदाधिकारियों के कार्य शैली पर एतराज जताते हुए जल्द से जल्द चल रहे केस को सुनने के लिए आग्रह किया। पूरी बातों को विस्तार पूर्वक सुन कर सुप्रीम कोर्ट ने ८ अगस्त १९ को सुनने के लिए स्वीकार कर लिया है। विभिन्न कारणों से बीसीसीआई बनाम सीएबी केस को सुनने के लिए गठित स्पेशल बेंच पिछले चार महीने से केस नही सुन पा रही थी । जैसा कि सभी अच्छी तरह से जानते है कि बीसीसीआई के मैटर सिविल अपिल ४२३५/१४, ११५५/१५ को सुनने के लिए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने जस्टिस एस ए वोबडे तथा जस्टिस ए एम सपरे का स्पेशल बेंच गठित कर दिया है ।
सीएबी के सचिव आदित्य वर्मा ने कहा कि सीएबी मेन याचिकाकर्ता है जिसके कारण बिहार के क्रिकेटरो के साथ साथ तमाम उन वंचित राज्य के क्रिकेटरो को प्रथम श्रेणी का मैच खेलने का मौका मिला था। बहुत ही दुख के साथ कहना पड रहा है कि बिहार के क्रिकेटरो को बली चढ़ा के बाहरी खिलाडयि़ों को खिलाने के लिए पैसा लेने का काम किया जा रहा था वह अत्यंत हि शर्मनाक एवं निंदनीय था । जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बीसीसीआई मे सुधार हेतु गठित कमिटी तमाम ज़ोरदार सबूतों के साथ सीओए को पत्र भेज कर अविलम्ब बिहार के क्रिकेटरो के मामले मे दखल देने के लिए कहा जाता था लेकिन सीओए प्रमुख की चुप्पी आश्चर्यजनक रूप से गम्भीर मामला दिख रही थी । अंत मे माननीय सुप्रीम कोर्ट मे याचिका डाल कर सीएबी ने बिहार के क्रिकेटरो के लिए सुप्रीम कोर्ट से न्याय के लिए गुहार लगाया ।