जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार में क्रिकेट एक बार फिर पटरी से उतरता हुआ नजर आ रहा है। दरअसल यहां पर काम करने वाली एसोसिएशन को लेकर ही सवाल उठ रहा है।
इसका नतीजा ये हो रहा है कि यहां पर खेल कम एसोसिएशन का आपसी झगड़ा खूब परवान चढ़ रहा है। मौजूदा रणजी ट्रॉफी में भी बिहार क्रिकेट में बवाल मच गया था जब मुंबई के खिलाफ मैच शुरू होने से पहले दो टीमें खेलने के लिए अचानक से मैदान पर पहुंच गई।
स्थानीय मीडिया के अनुसार मैच शुरू होने पर बिहार क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष राकेश तिवारी की टीम और दूसरी सचिव अमित कुमार की टीम मैदान पर मैच खेलने के लिए पहुंची थी। ऐसे में टॉस से पहले जमकर विवाद हुआ और आखिरकार राकेश तिवारी की टीम को मुंबई के खिलाफ खेलने का मौका मिला जबकि सचिव अमित कुमार की टीम को वहां से मायूस लौटना पड़ा। मामला अब ज्यादा आगे बढ़ गया जब बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) ने क्रिकेटर लखन राजा को छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है।
उनके निष्कासित करने के पीछे की वजह भी बीसीए ने बतायी है कि बीसीए के सीईओ द्वारा जारी पत्र के अनुसार लखन के विरुद्ध पिता आदित्य प्रकाश वर्मा के साथ मिलकर अनुशासनहीनता एवं संघ विरोधी गतिविधियों में शामिल होने और मोइनुल हक स्टेडियम में मुंबई के विरुद्ध रणजी मैच से पहले हुए घटनाक्रम में शामिल होने का आरोप लगा है।
अब इस मामले में आदित्य वर्मा ने बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी पर अपनी जमकर भड़ास निकाली और कहा है कि उनके बेटे के खिलाफ जानबूझकर इस तरह का कदम उठाया है। उन्होंने गुरुवार को पटना में एक प्रेस वार्ता कर आदित्य वर्मा ने बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी पर जमकर निशाना साधा है।
आदित्य वर्मा ने कहा कि बीसीसीआई मैच फिक्सर को भी बिना कारण बताओ नोटिस दिए निष्कासित नहीं करता है। मोइनुल हक स्टेडियम (पटना) में घटी घटना को लेकर एफआईआर भी की गई। उन्होंने कहा कि मैं बीसीए अध्यक्ष के भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाता रहा हूं, इसलिए बेटे को टारगेट किया गया और नियम तोडक़र निष्कासित किया। हम कोर्ट में जवाब देंगे बिहार में क्रिकेट को लेकर घमासान आज से नहीं बल्कि बरसों से चला आ रहा है। इस वजह से वहां का क्रिकेट एकदम निचले स्तर पर जा पहुंचा है।
इतना ही नहीं कई प्रतिभाए अब दम तोड़ रही है लेकिन बिहार क्रिकेट बोर्ड के अंदर इतना ज्यादा घमासान है कि इसका नुकसान अब सीधे तौर पर खिलाडिय़ों को उठाना पड़ा रहा है।
उन्होंने इस दौरान कहा कि हाल के दिनों बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी के द्वारा किये जा रहे गलत कामों को वो लगातार उजागर कर रहे हैं, इस वजह से उन्होंने मेरे बेटे को टारगेट किया है। उन्होंने कहा कि बिहार में क्रिकेट को फिर से पटरी पर लाने के लिए मैंने क्या-क्या नहीं किया लेकिन कुछ लोगों के गलत नियत की वजह से एक बार फिर बिहार क्रिकेट अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है।
आदित्य वर्मा ने कहा कि वो बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी से तीखे सवाल पूछते तो इसमें क्या गलत है। बीसीसीआई ने बिहार क्रिकेट को 25 करोड़ रुपये की मदद दी है लेकिन उस पैसे क्या हुआ इसका जवाब बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी के पास नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि जो पैसा बीसीसीआई बिहार क्रिकेट के खिलाडिय़ों के लिए देता है उससे बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी अपनी जेबों में भर रहे हैं और ऑफिस में काम करने वाले जो भी कर्मचारी है वह बीसीसीआई के पैसे से सैलरी के रूप में सालाना करोड़ों रुपये ले रहे हैं क्योंकि अगर बीसीसीआई पैसा देता है तो खिलाडिय़ों के विकास के लिए देता है क्रिकेट के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए देता है लेकिन वह पैसा मनी लांड्रिंग के तरह गबन कर लिया जा रहा है। इसकी जांच बिहार सरकार के आर्थिक अपराध ईकाई के द्वारा की जा रही है।
एक कर्मचारी जो राकेश तिवारी का कलेक्सन एजेन्ट है उसको बीसीए इसलिए 75000 रुपए का सैलरी दे रहा है कि वह अध्यक्ष राकेश तिवारी के नाम पर खिलाड़ियों से टीम में चयन हेतु पैसे की मांग करता है गाली गलौज करता है सोशल मीडिया पर उस शख्स का ऑडियो वीडियो वायरल हो चुका है जो पटना पुलिस के पास भी है, आर्थिक अपराध इकाई के थाने में भी है, क्या राकेश तिवारी बता सकते हैं आज तक क्या कारवाई उसके उपर की गई है। उल्टा बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव के द्वारा चुनकर जब बिहार क्रिकेट टीम के खिलाड़ी मुम्बई के साथ मैच में एक दिन पहले बीसीसीआई के मैच रेफरी को रिपोर्ट करके स्टेडियम जाते हैं तो राकेश तिवारी अपने रसूक से पुलिस के द्वारा बिहार के खिलाड़ियों के उपर दबाब डलवाकर जर्बदस्ती टीम बस में बैठाकर बाहर से ही खिलाड़ियों को मैदान से निकाल दिया जाता है।
रात में पता चलता है कि खिलाड़ियों के उपर झूठा एफआईआर धारा 307 लगाकर कर दिया गया है। अगर इन सब चीजों पर सवाल किया जाता है तो मेरा बेटा को 6 साल के लिए सस्पेंड किया जाता है ठीक उसी प्रकार जैसे राजनीतिक दल में यह काम देखने को मिलता है उसी प्रकार एक राजनीतिक पार्टी के प्रदेश कोषाध्यक्ष राकेश तिवारी एक खिलाड़ी के साथ कर रहे हैं। यह बहुत शर्मिंदगी की बात है। पटना के ऊर्जा क्रिकेट स्टेडियम में पिछले साल रणजी ट्रॉफी का मैच हो चुका है फिर एक सोची समझी साजिश के तहत नीतीश सरकार को बदनाम करने के लिए पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में जो अभी जर्जर स्थिति में थी उसमें मुम्बई जैसे टीम का मैच कर के पूरे वर्ल्ड मीडिया में सरकार के साथ-साथ बिहार की भी छवि अध्यक्ष राकेश तिवारी और उनके लोगों ने किया। इसकी जितनी भी बुराई की जाए कम है। मैंने जब मोइनुल हक स्टेडियम के बारे में बीसीसीआई को पत्र के माध्यम से अपने ट्वीट के माध्यम से इसकी अग्रिम सूचना दे दी थी लेकिन बीसीसीआई ने कुछ नहीं किया।
बिहार क्रिकेट टीम में कुछ खिलाड़ी जो जाली उम्र प्रमाण पत्र लगा लगाकर जो बाहरी राज्य के खिलाड़ी 2018 में बिहार को मान्यता मिलने के पश्चात विभिन्न जिलों से बिहार में आकर क्रिकेट खेल रहे हैं और यहां के बच्चों को जगह नहीं मिल रही है।
मैंने बीसीसीआई को इन खिलाड़ियों का एक से ज्यादा अनेक उम्र प्रमाण पत्र भेज दिया था लेकिन बीसीसीआई ने कुछ नहीं किया। जब बिहार के एक होनहार खिलाड़ी ने अच्छा खेलना शुरू किया था तब अपना पीठ थपथपाने के लिए बीसीए के लोगों ने उसकी उम्र 12.30 साल बता कर सचिन तेंदुलकर से तुलना कर दिया था। किसी भी उदीयमान खिलाड़ी को मेंटली किस प्रकार परेषान किया जाता है यह देखने को पिछले दो रणजी ट्रॉफी मैच में मिल चुका है।
विज्ञापन निकालकर प्रोफेशनल सिलेक्टर्स कोच सपोर्ट स्टाफ को इंटरव्यू के लिए बीसीए के द्वारा आमंत्रित किया जाता है लेकिन होता क्या है। देश के नाम चिन क्रिकेट खिलाड़ी अपना इंटरव्यू देते हैं लेकिन लिया किसको जाता है जो यशमैन तिवारी का होता है या शर्म की बात है।
मामला चुकिं पटना हाई कोर्ट में 1 फरवरी को सुनवाई के लिए लगी हुई है इसलिए हम इसपर ज्यादा बोलना अभी ठीक नहीं समझते है लेकिन इतना तो जरूर कहूंगा लखन राजा के साथ जो हुआ वह किसी और खिलाड़ी के साथ नहीं हो क्योंकि जब राजा मूर्ख होने के साथ-साथ अहंकारी हो जाता है तो उसका राजकाज का अंत सुनिश्चित हो जाता है।
अन्त में इतना कहना है कि अगर बीसीए के अध्यक्ष और उनके चाटूकारों को थोड़ी भी हिम्मत है तो अधीराज जौहरी, गौरव जोशी, गजेन्द्र सिंह, कृष्णकान्त यादव, यशपाल सिंह जैसे खिलाड़ियों के मॉ बाप का बिहार का पिछले तीन साल का बैंक डिटेल्स आधार कार्ड का कॉपी अपने साइट पर लगा दे मैं हार मान जाउॅगा। तुमलोगों की जो दुकान चल रही है जल्द ही बन्द होगा। इंतजार करो। बिहार के खेल प्रेमी खिलाड़ी तुम्हें तुम्हारे करतूतों की सजा जल्द देने वाले हैं।