जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार क्रिकेट को दोबारा पटरी पर लाने के लिए सीएबी के सचिव आदित्य वर्मा लगातार कोशिशों में जुटे हुए है। उधर बिहार को लेकर चली आ रही रार अब
थमने का नाम नहीं ले रही है। जानकारी के मुताबिक बिहार क्रिकेट संघ के करीब 26 जिला क्रिकेट यूनिट के पदाधिकारीयों ने बैठक की है। इस बैठक में तय हुआ कि किसी भी तरह से बिहार क्रिकेट संघ में चल रही गड़बड़ी को खत्म करने के लिए जांच की मांग की है।
बैठक की अध्यक्षता लखिसराय जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष प्रेम रंजन पटेल ने की और उन्होंने वर्तमान बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष के कार्य शैली पर एतराज जताते हुए अविलम्ब जॉच कराने की मांग की है और कहा है कि जो भी इसमें दोषी पाये जाए उसपर कड़ा एक्शन लिया जाये। इसके साथ ही बिहार क्रिकेट का भविष्य अब बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरभ गांगुली के हाथो में होगा। अब देखना होगा कि आगे क्या होता है।
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इस बीच आदित्य वर्मा ने कहा है कि बिहार क्रिकेट को लेकर सौरभ गांगुली से बात की है और दादा ने हमेशा कहा कि बीसीए के आपसी झगड़े की वजह से बिहार क्रिकेट को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार का जन्म बिहार क्रिकेट एसोसिएशसन के कोख से ही 2007 मे हुआ था ।
पुरानी बातों को विस्तार पूर्वक नही बता सकता हूं लेकिन सीएबी का जन्म बिहार क्रिकेट के तत्कालिन पदाधिकारीयों के कार्य शैली पर एतराज जताते हुए था। सीएबी भविष्य मे भारतीय क्रिकेट के सुधार मे इतनी बड़ी योगदान सुप्रीम कोर्ट के आदेश से दे कर अमर हो जाएगा इसकी कल्पना कौन किया था ।
4 जनवरी 18 के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के बेंच मे खुद बहस कर बिहार क्रिकेट को दुबारा प्रथम श्रेणी का मैच खेलाने के लिए बीसीसीआई को निर्देश दिया था। सीएबी जो बीसीए के कोख से भले ही पैदा लिया था लेकिन बीसीसीआई मे सुधार और 18 सालो के संघर्ष के पश्चात राज्य विभाजन के बाद बिहार क्रिकेट को प्रथम श्रेणी का मैच खेलाने का सपना सीएबी के दूारा ही पुरा हुआ।
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बिहार क्रिकेट के वर्तमान स्वरूप पर एक बार पुन: सीएबी ने अपना कमर कस लिया है कि बिहार क्रिकेट का दशा दुर्दशा दुबारा नहीं खराब होने देगें इसके लिए जो भी कुर्बानी देने होगें सीएपी बिहार के क्रिकेटरों के लिए देगा। उन्होंने कहा कि सभी सदस्यों से कहा है कि जिस प्रकार पांचों ऊंगली को मिला देने से मुठी बन जाती है आज फिर से समय आ गया है कि बिहार क्रिकेट को बचाने के लिए मुठी बना ले ।