स्पेशल डेस्क
पटना। सीएबी के सचिव आदित्य वर्मा ने एक बयान जारी कर कहा कि बिहार क्रिकेट संघ के अहम की लड़ाई में कहीं ऐसा ना हो कि बिहार क्रिकेट संघ की सदस्यता खतरे में पड़ जाए क्योकि भारतीय क्रिकेट बोर्ड का एक पावरफुल अधिकारी ने बताया कि ऐसा भी हो सकता है।
उन्होंने कहा कि वो भी बयान देते हैं इसका मकसद बिहार क्रिकेट के हित से जुड़ा हुआ है क्या एक क्रिकेट प्रशंसक होने के नाते मैं जान सकता हूं कि बीसीए के सचिव को कौन सी गलती के कारण वगैर शोकॉज के ससपेंड कर दिया गया था। मैं तो केवल इसे अहम की लड़ाई मानता हूं यह भी सच है कि बीसीए सचिव के रोल से बिहार क्रिकेट के अंदर एक रोष व्याप्त था।
फिर भी बहुत सारे गलतफहमीयों को दूर कर सुधार किया जा सकता था, लेकिन बीसीए के पूर्व पावर फुल लॉवी ने अचानक से बिहार क्रिकेट एसोसिएशन अध्यक्ष पद पर आसीन अधिकारी को एक तरह से हाइजैक कर लिया तथा परदे के पीछे से सारा अनैतिक कार्य करने का काम शुरू कर दिया नतीजा धीरे-धीरे एक खाई सचिव एवं अध्यक्ष के बीच बनती चली गई।
मैने भी जब जब अध्यक्ष से बात या मुलाकात हुई बिहार क्रिकेट के हित के लिए काम करने को कहा यह भी कहा कि आप इस पद पर विराजमान हो गए लेकिन बिहार क्रिकेट के सफल संचालन के लिए बिहार क्रिकेट के पूर्व कप्तान सुनील कुमार के नेतृत्व मे एक मजबूत टीम बना कर उनको काम करने दे उनका दायित्व केवल सही जानकारी आपको उपलब्ध कराना होगा अफसोस एक राजनीतिक पार्टी की तरह बीसीए अध्यक्ष बिहार क्रिकेट को चलाने का काम शुरू कर दिया नतीजा सामने आ चुकी है।
नैतिकता का तकाजा है कि बिहार क्रिकेट के हित के लिए बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष चुने गए सचिव को अपनी गलती मानते हुए बिहार क्रिकेट के भलाई के लिए अविलम्ब निष्कासन से मुक्त कर दे क्योंकि आपके द्वारा लिए गए फैसले पर पटना हाई कोर्ट भी सवालिया निशान लगाते हुए बहाल लोकपाल के पद पर सवालिया निशान लगा के उनके काम पर रोक लगा दिया है। उन्होंने आगे कहा कि निलंबित संजय कुमार को बीसीसीआई आपके पत्र भेजने के बाद भी बिहार क्रिकेट संघ का सचिव मान रहा है । सारी परिस्थितियों पर अपने जिला संघ के अधिकारियों से विचार विमर्श करने के बाद सीएबी ने यह निर्णय लिया है कि चाहे आगे चल कर कोई भी कुर्बानी क्यों नही देनी पड़ी सीएबी आज के दिन बीसीसीआई का जो भी निर्णय बिहार क्रिकेट के वर्तमान स्वरूप पर होगा सीएबी उसको अपना समर्थन देगा।