जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (क़ानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने फारेंसिक साइंस लेबोरेट्री (FSL) की रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि हाथरस की पीड़िता के साथ रेप की पुष्टि नहीं हुई है.
प्रशांत कुमार ने कहा कि इस रिपोर्ट के मुताबिक़ पीड़िता के शरीर में वीर्य नहीं मिला है. इससे यह साबित होता है कि उसके साथ रेप नहीं हुआ था. उन्होंने कहा कि जाति के आधार पर लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि 14 सितम्बर को सुबह यह लड़की अपनी माँ और भाई के साथ खेत में काम करने के लिए गई थी. उसके भाई को माँ ने काम के लिए दूसरी तरफ भेज दिया. माँ-बेटी वहां काम कर रही थीं. कुछ देर बाद माँ ने देखा कि बेटी वहां मौजूद नहीं है. उन्होंने उठकर ढूँढा तो बेटी की चप्पल मिली. ढूँढने पर कुछ दूर पर बेटी खून में लथपथ मिली. वह बुरी तरह से घायल थी.
घायल लड़की को तुरंत अस्पताल ले जाया गया. वहां से दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में इलाज कराया गया. लड़की की रीढ़ की हड्डी, और गर्दन टूटी हुई थी. लड़की के घर वालों ने गैंगरेप का आरोप लगाया था लेकिन पुलिस ने गैंगरेप से इनकार किया था. 15 दिन चले इलाज के बाद लड़की की मौत हो गई. उसकी मौत के बाद जिस तरह से पुलिस ने उसका अंतिम संस्कार किया उसने पुलिस पर ही सवालिया निशान लगा दिए.
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हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने बताया कि हाथरस और अलीगढ़ के डाक्टरों ने भी रेप से इनकार कर दिया. उन्होंने बताया कि पीड़िता का गला दबाया गया था. उसके गले पर चोट के निशान भी थे. उन्ही चोटों की वजह से उसकी मौत हुई है.